Sunday, September 8, 2024

Rajasthan Politics: राजस्थान में पांच सीटों पर उपचुनाव की तैयारी तेज, कई बड़े नामों पर लगेंगी मुहर

जयपुर : राजस्थान में पांच विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में बिसात बिछने लगी है. बता दें कि प्रदेश की पांच सीट खाली है क्योंकि इन सभी सीटों पर कार्यरत विधायक अब सांसद बन गए है। ऐसे में इन रिक्त सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कई बड़े नामों की चर्चा हो रही है. चूंकि, इसमें से तीन सीटों पर भाजपा को उम्मीद है कि कमल खिलेगा। वहीं, कांग्रेस अपनी एक भी सीट खोना नहीं चाह रही है. इसलिए पार्टी उन्हीं नेताओं को चुनावी मैदान में उतारना चाह रही है, जो उन क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं.

बड़े दिग्गजों को उतारने की तैयारी

इन सभी रिक्त पांचों सीटों पर एक से बड़े एक दिग्गज नेता को मैदान में उतारने की तैयारी शुरू है। वहां जीते हुए सांसदों को अभी से कहा जा चुका है. भाजपा ने वहां के सभी जिला अध्यक्षों और विधायकों को उन सीटों पर भेजना शुरू कर दिया है. जिन दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतरना है, वो वहां पर काम भी करना शुरू कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई बड़े नामों की चर्चा हो रही है.

विपक्षी दल पेपर लीक को बना सकता हैं मेन मुद्दा

बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस किसान और रोजगार के मुद्दे को लेकर मैदान में उतरेगी. जिस पर पार्टी लगातार हमलावर होते हुए दिखती है. पेपर लीक का मुद्दा भी विपक्ष अभी से उठाना शुरू कर दी है. इस मुद्दे पर विपक्ष पूरी तरह से हमला बोलते हुए दिख रहा है. इसके साथ ही उन पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर कांग्रेस अपने गठबंधन के साथियों के साथ चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. चौरासी, खींवसर दो सीटों पर कांग्रेस वहां के सांसद के भरोसे है. जो फैसला उनका होगा वो सभी मान्य होगा। इसके साथ शेष सीटों पर सचिन पायलट पर सब कुछ छोड़ दिया गया है। अब उसी बात को लेकर राजनीतिक गलियारों में तैयारी शुरू हो गई है.

इन मुद्दों को लेकर बीजेपी करेगी एंट्री

राजस्थान में भाजपा इन पांच सीटों पर चुनाव के लिए चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। इस चुनाव में उस सीट पर पकड़ वाले नेता के साथ सरकार के मंत्री और विधायक साथ नजर आएंगे। वहां पर पार्टी और सरकार अपनी ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है. स्थानीय मुद्दे को लेकर पार्टी से लगातार फीडबैक भी लिया जा रहा है. जिसे लेकर मंथन भी हो रहा है. जातिगत समीकरण को भी बैठाया जा रहा है. ताकि, वहां पर कोई नाराजगी रही हो तो उसे दबाई जा सकती है.

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