जयपुर। आजकल युवाओं के बीच फ्रोजन फूड और पैक्ड फूड खाने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। समय की कमी और घर से दूर रहने वाले युवा अक्सर ऐसे पैक्ड फूड का सेवन करते हैं। घर के बने ताजा खाने के तुलना में फ्रोजन फूड सेहत के लिए खराब माने जाते है। लंबे समय तक स्टोर किए जाने वाले फ्रोजन फूड (Frozen Foods) में हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का उपयोग किया जाता है। जिसमें खतरनाक ट्रांस फैट होता हैं। इसके अलावा इस तरह के खाने में स्टार्च और ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है। फ्रोजन और प्रिजरव फूड को फ्रेश बनाए रखने के लिए कई तरह के कैमिकल्स का उपयोग किया जाता है। ये सारी चीजें मिलकर फ्रोजन फूड और प्रिजर्वेटिव खाने के खतरनाक बना देते हैं। आइए जानते है
फ्रोजन फूड होने वाली बीमारियां
शुगर का खतरा-
फ्रोजन फूड्स को ताजा बनाए रखने के लिए स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। स्टार्च से खाने का स्वाद बढ़ जाता है, लेकिन इसे पचाना मुश्किल हो जाता है। इस तरह के खाने से शरीर ग्लूकोज को
शुगर में परिवर्तित कर देता है। ज्यादा शुगर बढ़ने से डायबिटीज (Diabetes) का खतरा बढ़ता है। इससे शरीर के ऊतकों को भी नुकसान होता है।
दिल के लिए खतरनाक–
फ्रोजन और पैक्ड फूड खाने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। फ्रोजन फूड में ट्रांस फैट्स की मात्रा ज्यादा होती है जो धमनियों में क्लॉट की समस्या बढ़ाता है। ट्रांस फैट्स से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता
है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। साथ ही इस तरह के भोजन में सोडियम की ज्यादा मात्रा पाई जाती है जिससे बीपी का खतरा बढ़ जाता है।
मोटापा बढ़ता है-
फ्रोजन फूड और प्रोस्सेड फूट में फैट की मात्रा काफी अधिक होती है जिससे शरीर में मोटापा बढ़ने लगता है। इस तरह के खाने को पोषक तत्वों से भरपूर बताया जाता है, लेकिन डॉक्टर्स इसे सेहत के लिए धीमा जहर मानते है। हैं। इस खाने में जो
फैट होता है उसमें कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन की तुलना में कैलोरी दोगुनी पाई जाती हैं। अगर आप 1 कप फ्रोजन चिकन खाते हैं तो इससे करीब 600 कैलोरी मिलती हैं।