जयपुर। राजस्थान में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। सफाई कर्मचारी चाहते हैं कि 24 हजार 797 पदों पर होने वाली भर्ती मस्टरोल के आधार पर की जाए। सफाई कर्मचारी में होने वाली भर्तियों में बाल्मिकी समाज को प्राथमिकता दी जाए। सफाईकर्मी भर्ती प्रैक्टिकल में शामिल अभ्यर्थियों की बहाली मस्टरोल के आधार पर की जाए। सफल होने पर उन्हें स्थाई कर्मचारी घोषित किया जाए। पहले से काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को बोनस अंक देकर प्राथमिकता दी जाए।
हड़ताल से बढ़ी निगमों की परेशानी
सफाईकर्मी अपनी मांगों को लेकर पहले भी हड़ताल कर चुके हैं। 16 जुलाई और 20 जुलाई को संघ के अध्यक्ष नंद किशोर डंडोरिया द्वरारा स्वायत्त शासन विभाग निदेशक को ज्ञापन सौंपा गया था। उनका आरोप है कि विभाग हमारी मांगों को लेकर
संवेदनशील नहीं है, इसलिए हम हड़ताल पर जा रहे हैं। जयपुर में लगभग 10 हजार सफाई कर्मचारी हैं। इनमें 8400 स्थाई और 1500 अस्थाई कर्मी हैं। मॉनसून और स्वच्छता सर्वेक्षण की वजह से जहां सफाई व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान देना था, वहीं सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। ऐसे में सफाईकर्मियों की हड़ताल ने निगम की परेशानी बढ़ा दी हैं।
मांगों को बताया गलत
इस हड़ताल में बाल्मिकी समाज के कर्मचारी ही शामिल हैं। गैर बाल्मिकी समाज के सफाईकर्मी इन मांगों को गलत मानते हैं। इसलिए वे काम कर रहे हैं। इन कर्मियों की संख्या 2200 है और अब पूरे शहर की सफाई व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी इन्हीं पर आ गई है।