Monday, September 16, 2024

Raksha Bandhan: आज है रक्षाबंधन का त्योहार, जाने शुभ मूर्हूत और विधि

जयपुर। सनातन धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार को बहुत होता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन का रिश्ते का प्रतीक होता है। सावन पूर्णिमा पर बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। ऐसे में भाई अपनी बहन को गिफ्ट या पैसे देते हैं। यह त्योहार काफी लंबे से मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है। इसके बाद रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन का शुभ मूर्हूत और पूजा विधि

रक्षाबंधन का शुभ मूर्हूत

रक्षाबंधन के त्योहार में शुभ मूहूर्त का बहुत महत्व होता है। रक्षाबंधन वाले दिन मूर्हूत के मुताबिक ही राखी को बांधा जाता है। पंचांग के मुताबिक सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अगस्त को शुभ मुहूर्त 03 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा। इसके बाद पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो जाएगा। सरल भाषा में बताएं तो अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को 03 बजकर 43 मिनट पर आरंभ हो जाएगी। वहीं, इस तिथि का समापन 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा।

रक्षाबंधन की पूजा विधि

इस दिन सुबह स्नान करने के बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। भगवान विष्णु-लक्ष्मी की प्रतिमा के आगे दीपक जलाएं। इसके बाद देवी-देवता को रोली या हल्दी का तिलक लगाएं और राखी बांधे। इसके बाद अपने भाई को तिलक लगाएं और दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें। भाई को मिठाई खिलाएं। साथ ही भगवान उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करें। अंत में अपने बड़े भाई के चरण स्पर्श करें।

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