जयपुर। दीवाली के कुछ दिनों बाद पड़ने वाली एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है। पंचाग के मुताबिक कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी की तारीख 11 नवंबर को शाम 6.46 मिनट से शुरु होगी । जो 12 नवंबर 4.4 मिनट पर समाप्त होगी। इस मुख्य कारण उदया तिथि है। उदया तिथि के मुताबिक 12 नवंबर को एकादशी तिथि मनाई जाएगी।
17 जुलाई देवशयनी एकादशी
इस साल 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी थी। वहीं देवउत्थान एकादशी 12 नंवबर को मनाई जाएगी। इसे देव प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। देवउत्थान एकादशी तिथइ के बाद सभई शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। यहीं कारण है कि हिंदू धर्म में देवउत्थान का बहुत महत्व होता है। देवउत्थान एकादशई के बाद शादी-विवाह जैसे रुके हुए सभी काम शुरू हो जाते है। शादी-विवाह की खरीदारी के कारण बाजार में भी रौनक आने लगती है। पवित्र धर्म ग्रंभ वेद-पुराण के मुताबिक एकादशी को देव जग जाते हैं। इस दिन से चतुर्मास खत्म हो जाता है।
देवउत्थान को जागते हैं देवता
सभी तरह के काम जैसे मुंडन संस्कार, शादी विवाह, गृह प्रवेश जैसे कई अन्य शुभ कार्य देवउत्थान के बाद किए जा सकते है। इस साल 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। और देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता की माने तो देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान विष्णु स्थाई विश्राम स्थल क्षीर सागर में आराम करने के लिए चले जाते हैं। वह करीबन 4 महीने बाद आराम करने के बाद विष्णु कार्तिक माह में पड़ने वाली देवउत्थान एकादशी को जागते हैं। साथ ही संसार के कामों के भी देखते हैं।