जयपुर: राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने का ऑपरेशन आज बुधवार तीसरे दिन भी जारी है। 41 घंटे में बच्चे को बचाने में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की स्वदेशी मशीनें फेल हो रही हैं. वहीं इस अभियान में 10 जेसीबी समेत कई अन्य मशीनों को लगाया गया है, जिसका भी कोई असर नहीं दिख रहा है।
बच्चे को बचाने के लिए हर संभव से प्रयास जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब 160 फीट गहरे बोरवेल से आर्यन को निकालने के लिए हाईटेक मशीनों से सुरंग बनाई जा रही है. बोरवेल में गिरने के बाद से बच्चे तक पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंची है, जिससे परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ती जा रही है. दरअसल, सोमवार (10 दिसंबर) दोपहर करीब 3:30 बजे आर्यन खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया था, जिसके बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बचाव दल ने मंगलवार को कहा, हम बच्चे को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
160 फीट गहरे बोरवेल में फंसा आर्यन
बता दें कि मासूम बच्चा करीब 150 फीट की ऊंचाई पर 160 फीट गहरे बोरवेल में फंसा हुआ है. बचाव कार्य में करीब तीन एलएनटी मशीनें और करीब 10 जेसीबी और 20 ट्रैक्टर लगे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी लोहे के छल्ले की तरह सड़क बिछाकर बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है.
बचाव कार्य पर बोले किरोड़ी लाल मीणा
मंगलवार को बचाव अभियान पर राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, ”बचाव प्रयास जारी हैं.” मैं सुबह से ही अधिकारियों के संपर्क में हूं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान बच्चे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. ये घटनाएं पूरे देश में होती हैं, सरकार की तरफ से इसके लिए निर्देश हैं लेकिन कोई कानून नहीं है. बोरवेल को ढकने के संबंध में एक कानून बनाया जाना चाहिए।”