जयपुर। राजस्थान के भरतरपुर जिले में एक नेकी का काम शुरू किया गया है जो लगभग 15 जरूरतमंद परिवारों के लिए सहारा बन रहा है. यहां जरुरतमंदो को कपड़ों से लेकर बच्चों के खिलोने तक मिल जाते है.
शहर में भीम दीवार बनी सहारा
आपको बता दें कि भरतपुर में जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए एक नेकी की दीवार बनाई गई है जिसे भीम दीवार के नाम से जाना जाता है. यहां पर लोग गरीबों की मदद करने के लिए कपड़ों से लेकर जूते-चप्पल, बच्चों के लिए खिलौने जैसे सामान रखकर जाते है. इस भीम दिवार की खास बात यह है कि यहां कोई व्यक्ति सामान लेने या देने के लिए मौजूद नहीं रहता। लोग अपनी इच्छानुसार सामान रखकर जाते है और जिसको जरुरत होती है वो यहां से सामान ले जाता है.
कब बनाई गई भीम दिवार ?
जरुरतमंदो और गरीबों की कपड़ों सहित जूते चप्प्पल जैसी अवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस दीवार का निर्माण किया गया था. इस दीवार का निर्माण 6 महीने पहले किया गया था. जानकारी के मुताबिक यहां पर रोजाना करीब 15 से लेकर 20 जोड़ी कपड़े आते हैं, जिसमे धोती, बच्चों के कपड़ो के साथ पेंट, शर्ट आदि कपड़े शामिल होते है. इसके अतिरिक्त रोजाना लगभग 50 जोड़ी जूते-चप्पल में आतें हैं. बता दें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर समाज कल्याण समिति की तरफ से 2 अक्टूबर को नेकी की दीवार शुरू की गई थी.
ऐसे होते है एकजुट
भरतपुर जिले में बनी ये दिवार में सभी दान कर सकते है. घर में पुराने कपड़े, जूते चप्पल से लेकर खिलौना आदि उपयोग में ना आने वाली चीजों को लोग कचरे में फेक देते हैं. जिस वजह से वह वेस्ट चले जाते है ऐसे में अगर इन्ही सामान को गरीबों और जरूरतमंदों को दान कर दिया जाए तो उनकी जरूरते पूरी हो सकेंगी। इन्ही बातों को ध्यान में रखकर डॉक्टर भीमराव आंबेडकर समाज कल्याण समिति की ओर से भीम दिवार का निर्माण किया गया.