RPSC Examination Birbe Case: राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी का बड़ा बयान सामने आया है। गोपाल केसावत ट्रेप के एक दिन बाद रविवार को एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने प्रेस वार्ता कर आरपीएससी सदस्यों और अधिकारीयों को मौखिक क्लीन चिट दी है। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डाटा विश्लेषण के बाद दिया जाएगा। गौरतलब है कि दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत को एसीबी ने अधिशासी अधिकारी परीक्षा की ओएमआर शीट बदलाव कर पास कराने के नाम पर 18.50 लाख रुपए घूस लेने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
डीजी ने दी जानकारी
दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत के केस में पहले डीजी ने कहा कि आजकल बड़े -बड़े लोग सीधे पैसा नहीं लेते हैं। दलालों के माध्यम से पैसा लेते हैं। यही वजह है कि 2018 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन किया गया। इसकी धारा 7 ए में प्रावधान है कि किसी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी के नाम पर लिए गये रूपये को भी भ्रष्टाचार माना जाएगा। यह कार्रवाई इसी के तहत की गई है।
कुमार विश्वाश की पति पर घूस लेने का आरोप
एसीबी ने कुमार विश्वाश क पत्नी आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा को एफआईआर में नामजद किया है। जबकि सदस्यों की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। परिवादी ने कहा है कि गोपाल ने मंजू के अनाम पर रिश्वत मांगी थी। अनिल ने परिवादी को आरपीएससी चेयरमैन व अन्य सदस्य से जानकारी का हवाला देते हुए गोपाल केसावत से मिलवाया था। पीड़ित के परिवाद पर ही एफआईआर दर्ज की गई है। परिवादी ने अपनी शिकायत में आयोग के चेयरमैन व अन्य महिला सदस्य पर भी आरोप लगाए हैं।