जयपुर। देश में लोकतंत्र का महापर्व शुरू है। ऐसे में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को तीन बार और बीजेपी को एक बार सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। साल 1989, 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सभी लोकसभा सीटों पर हार हुई। वहीं, साल 1984 में बीजेपी को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
इंदिरा गांधी की मर्डर के बाद 25 सीटों पर हुई जीत
साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 1984 में इंदिरा गांधी की मर्डर के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को देश भर में जनता की पूरी सहानभूति मिली, जिसके बाद पार्टी ने प्रदेश के सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत अपने नाम की थी। इसके बाद साल 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई और बीजेपी ने प्रदेश की 13 और जनता दल ने 11 सीटें अपने नाम की थी। इस दौरान सी.पी.एम. के खाते में 1 सीट गई थी।
साल 1984 में माथुर की सरकार में सभी सीटों पर जीत
बता दें कि साल 1984 में कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की सरकार थी। इस दौरान कांग्रेस ने सभी लोकसभा सीटें अपने नाम की थी। वहीं साल 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामान करना पड़ा था। हालांकि शिवचरण माथुर 14 जुलाई 1981 को पहली बार मुख्यमंत्री बने और इस पद पर 23 फरवरी 1985 तक बने रहे। इसके बाद माथुर 20 जनवरी 1988 को दूसरी बार प्रदेश के मुखिया के रूप में चुने गए और दिसंबर 1989 तक इस पद पर बने रहे। वहीं साल 1989 में सभी 25 सीटों पर कांग्रेस की हार हुई, जिसके बाद माथुर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
गहलोत की सरकार में सभी 25 सीटों पर हार का सामना
सबसे अहम बात यह है कि प्रदेश में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सरकार रहते हुए भी पार्टी को सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि गहलोत के तीसरे कार्यकाल के दौरान वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार गई। हालांकि, सचिन पायलट 13 जनवरी 2014 से लेकर 14 जुलाई 2020 तक प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे। 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा।