जयपुर : दुनिया भर में इस्लाम समुदाय के लोग हमेशा दो चीजों का ख्याल जरूर रखते है। वो है हराम और हलाल, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग हमेशा ध्यान में रखते हैं। इस्लाम के अनुसार मर्दों को सोने का कोई भी जेवर पहनना हराम माना गया है. मुस्लिम पुरुषों को सोने की अंगूठी और चैन तक पहनने की भी इजाजत इस्लाम में नहीं है. हालांकि, इस्लाम धर्म को मानने वाली औरतों को सोने की वस्तु पहनने की छूट है. वहीं मुस्लिम महिलाएं सोने से बने जेवर का इस्तेमाल तो करती है मगर पुरुषों को इसके लिए हराम माना गया है।
सोना और रेशम इस्लाम में हराम के जैसा
दरअसल, इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए कुछ अलग नियम भी बनाए गए है। बता दें कि पैगंबर हजरत मोहम्मद ने मुस्लिम पुरुषों के लिए दो चीजों का धारण करना हराम कहा है, वो दो चीज हैं सोना और रेशम ( रेशम से बने कपड़े) . पैगंबर हजरत मोहम्मद ने इस्लाम धर्म में महिलाओं को सोना और रेशम पहनने की छूट दी है. हालांकि, पुरुष सोने की जगह चांदी के आभूषण इस्तेमाल कर सकते हैं.
मुफ्ती मोहम्मद नदीम ने बताया कारण
इस बारे में मुफ्ती मोहम्मद नदीम अख्तर बताते हैं कि इस्लाम को मैंने वाले पुरुषों को सबसे पहले नबी का हुक्म मानना होता है। इस कारण से उनके आदेशों का पालन करना भी जरूरी है.
दूसरा कारण भी आया सामने
इसके साथ ही उन्होंने दूसरी वजह भी बताई, उन्होंने कहा कि एक दौर में बादशाह लोग दूसरों के सामने खुद को बड़ा दिखाने के लिए सोने का आभूषण पहना करते थे. यहां तक कि वो लोग दूसरे को दिखाने के लिए सोने के बर्तनों में खाना तक खाते थे. इन चीजों से दूरी बनाएं रखने के लिए नबी ने इस्लाम धर्म के पुरुषों के लिए सोना पहनने को हराम बताया।