जयपुर। दुनियाभर के श्रेष्ठ पहलवानों को हराकर ओलंपिक रेसलिंग के फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किया गया। जो कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय ओलंपिक संघ मजब से विनेश फोगाट का पक्ष रखेगा और उन्हें न्याय दिलवाएगा। हर मुश्किल का डटकर सामना करना ही एक असली चैंपियन की पहचान होती है। विनेश, आप हौसले को मजबूत रखिए और अपने परिश्रम पर विश्वास रखिए। देश हमेशा आपके साथ है। यह बयान राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दिया हैं।
कम नहीं हुआ वजन
फाइनल में पहुंचीं विनेश फोगाट को जब डिसक्वालीफाई होने की बात पता चली तो,उन्हें गहरा धक्का लगा जिसे वो बेहोश हो गईं। इसके बाद तुरंत उन्हें खेल गांव के पॉलीक्लिनिक में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को डिहाइड्रेशन के कारण खेल गांव के अंदर पॉलीक्लिनिक में भर्ती कराया गया था। फिलहाल वह ठीक हैं और किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं हैं। मंगलवार रात को सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन को 5-0 से हराकर विनेश ओलंपिक खेलों के फाइनल में अपनी जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं थीं। सेमीफाइनल में जीत के बाद, विनेश ने जॉगिंग, स्किपिंग और साइक्लिंग कर वजन को कम करने की हर संभव कोशिश की, लेकिन 50 किलोग्राम वर्ग की कुश्ती के लिए उनका 100 ग्राम वजन अधिक था, इसीलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
विकल्पों पर विचार करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईओए प्रमुख पीटी उषा से इस मामले को लेकर बात की। विनेश फोगाट के इस मामले में भारत के पास क्या विकल्प हैं, इस बारे में उनसे जानकारी ली गई। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने आईओए प्रमुख से पहलवान के मामले पर मदद के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा। पीटी उषा से आग्रह किया कि यदि कोई विकल्प मिलता है तो, वे अयोग्य ठहराए जाने के मामले में कड़ा विरोध करें।