जयपुर। हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का खास महत्व होता है। विवाह पंचमी भगवान श्री राम और माता सीता के दिव्य मिलन का प्रतीक होता है। विवाह पंचमी के दिन श्रद्धा भाव के साथ माता सीता और भगवान राम की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस माता सीता और भगवान राम की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त
इस साल 2024 में विवाह पंचमी 06 दिसंबर यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी। विवाह पंचमी शुभ मुहूर्त 5 दिसंबर की सुबह 12:49 बजे से शुरू होगा। जो 6 दिसंबर 2024 की दोपहर 12:07 बजे समाप्त होगा। विवाह पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से आरंभ होकर 10:54 बजे तक समाप्त होगा। वहीं दूसरा पूजा का मुहूर्त शाम में 06:06 बजे से लेकर शाम 05:24 बजे तक खत्म हो जाएगा।
विवाह पंचमी की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद मंदिर की सफाई करनी चाहिए। मंदिर की सफाई करने के बाद माता सीता और भगवान श्री राम की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए। माता सीता और श्री राम के विवाह का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद भगवान राम को पीले वस्त्र और माता सीता को लाल वस्त्र चढ़ाने चाहिए। दोनों के विवाह के लिए बालकाण्ड के विवाह का पाठ करना चाहिए। पाठ करने के बाद दोनों को मीठे का भोग लगाना चाहिए।
विवाह पंचमी का महत्व
इसके बाद दोनों की आरती उतारें। दोनों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद ले। आखिर में प्रसाद को लोगों में बांट दे। माता सीता और राम जी का विवाह करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं दोनों का वस्त्र अर्पित करने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रह जाती है। पंसदीदा वर पाने के लिए इनकी विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। दोनों की आज के दिन पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।