Friday, November 22, 2024

LokSabha: राजस्थान की वह 10 हॉट सीटें, जो बना है रोमांचक, जानें क्या है इसके सियासी गणित?

जयपुर: लोकसभा चुनाव नजदीक है। राजस्थान में मौसम के मिजाज की तरह आम चुनावों में भी सियासी पारा दिन पर दिन बढ़ते हुए देखा जा रहा है। ऐसे में बात राजनीतिक पार्टियों की करें तो राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव में सभी 25 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की कमल खिली रही, ऐसे में इस बार पार्टी हैट्रिक लगाने का दावा कर रही है। प्रदेश में सभी 25 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें ऐसी है जो हॉट सीटें बताई गई है। तो आईए जानते हैं इन 10 हॉट सीटों पर इस बार का मुकाबला कितना रोमांचक होगा।

ये हैं 10 हॉट सीटें

प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों में 10 सीट ऐसे हैं, जहां पर मुकाबला अधिक रोमांचक बना हुआ है। इन सीटों के अपने अलग अलग मायने हैं। इस बार हो रहे आम चुनाव में इन सीटों पर मुकाबला कांटे का बताया जा रहा है। हॉट सीटों में जोधपुर, कोटा, चूरू, झुंझुनू, बाड़मेर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर , नागौर , दौसा , टोंक, सवाई माधोपुर और सीकर लोकसभा सीट शामिल हैं। अगर हम बात कांग्रेस की करें तो कांग्रेस पार्टी से अधिक यहां उम्मीदवार के चेहरे पर दारोमदार है। हालांकि भाजपा मोदी और संगठन के दम पर चुनावी मैदान में उतरी है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारों में नेताओं के बीच जुबानी जंग भी जारी है।

सीकर सीट का सियासी गणित

बता दें कि प्रदेश की 10 हॉट सीटों में सीकर लोकसभा सीट भी शामिल है। यहां पर मुकाबला अधिक रोमांचक है, ऐसे में इस सीट पर इंडिया गठबंधन से अमराराम चुनावी मैदान उतरे हैं। भाजपा ने यहां से अपने सिटिंग सांसद सुमेधानंद सरस्वती को टिकट दिया है। अगर बात हम विधानसभा चुनाव की करें तो विधानसभा चुनाव में भले ही सीकर सीट पर कांग्रेस भारी रही है। लेकिन पिछले पांच आम चुनावों की बात की जाए तो यहां चार बार बीजेपी की कमल खिली है। हालांकि सीपीएम का यहां अपना वोट बैंक है, लेकिन कांग्रेस का वोट भी अगर उन्हें मिल जाता है तो मुकाबला अधिक दिलचस्प होगा।

नागौर सीट का चुनावी समीकरण

प्रदेश के हॉट सीट में शामिल नागौर सीट पर कांटे का मुकाबला देखा जा रहा है। आरएलपी से हनुमान बेनीवाल इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। बेनीवाल साल 2019 में हुए आम चुनाव में भाजपा गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर सांसद चुने गए थे। हालांकि इस साल हो रहे लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने नागौर सीट से ज्योति मिर्धा को टिकट दिया है, ज्योति मिर्धा पहले कांग्रेस में थीं। भाजपा ने नागौर सीट पर अपनी मजबूती के लिए यहां के कांग्रेस के कई नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। पिछले पांच लोकसभा चुनाव में से भाजपा यहां दो बार अपना कमल खिला चुकी है। एक बार भाजपा के समर्थन से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल जीते और दो बार कांग्रेस।

जानें चुरु सीट का चुनावी समीकरण

चूरू लोकसभा सीट से कांग्रेस ने राहुल कस्बा को चुनावी मैदान में उतरने का मौका दिया है। राहुल कस्बा पिछले दो चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीते थे, परंतु इस साल हो रहे लोकसभा चुनाव में राहुल कस्बा कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैदान में उतरे हैं। ऐसे में कस्बा का सीधा मुकाबला पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया से है, लेकिन इस सीट पर कस्बा का सही मायने में मुकाबला तो भाजपा के नेता राजेंद्र राठौड़ से बताया जा रहा है। राजेंद्र राठौड़ से बगावत के बाद भाजपा ने उनका टिकट काट दिया और इस वजह से इस सीट पर मुकाबला जाट और राजपूत के बीच देखा जा रहा है, जो अधिक दिलचस्प है।

जैसलमेर सीट पर कांटे का मुकाबला

अगर बात जैसलमेर हॉट सीट की करें तो, इस सीट पर इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। इस सीट पर रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, भाजपा ने कैलाश चौधरी को इस सीट पर उम्मीदवार घोषित किया है, चौधरी दो बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस से उम्मेदाराम बेनीवाल मैदान में है, जो विधानसभा चुनाव में आरएलपी के टिकट पर बाड़मेर की बायतू सीट से चुनाव लड़े थे। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार प्रदेश की सबसे हॉट सीट जैसलमेर सीट होने वाली है।

सवाईमाधोपुर की चुनावी गणित

सवाईमाधोपुर सीट हॉट सीट की लिस्ट में शामिल है। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट की इज्जत दांव पर लगती हुई दिख रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर पायलट के समर्थक माने जाने वाले हरीश मीणा को चुनावी मैदान में उतरने का मौका दिया है। हालांकि भाजपा ने इस सीट पर सुखबीर सिंह जैनपुरिया को मौका दिया है।

जानें दौसा सीट पर क्या है चुनावी गणित?

दौसा लोकसभा सीट ऐसी सीट है, जो प्रदेश की वीआईपी सीट श्रेणी में शामिल है। इस बार इस सीट पर कांग्रेस से मुरारीलाल मीणा और भाजपा से कन्हैयालाल मीणा का मुकाबला हो रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीणा सचिन पायलट के करीबी कहे जाते हैं। मुरारीलाल मीणा दौसा लोकसभा में ही दौसा विधानसभा सीट से विधायक हैं। कांग्रेस इस सीट पर खुद को सबसे अधिक मजबूत बता रही है।

झुंझुनू सीट का क्या है चुनावी समीकरण?

अगर बात हॉट सीट झुंझुनू लोकसभा सीट की करें तो , झुंझुनू सीट पर कांग्रेस के ओला परिवार का अधिक समय तक बोल बाला रहा है। कांग्रेस ने इस सीट पर विजेंद्र ओला को उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि ओला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे थे। इस बात की पुष्टि उन्होंने स्वयं सार्वजनिक तौर पर की है। इस बार हो रहे चुनाव में इस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के शुभ करण चौधरी से है। झुंझुनू सीट पर जाट वोटर्स अधिक है इसलिए इसे जाट बाहुल्य सीट भी कहा जाता है। इस सीट पर 20 लाख से अधिक मतदाता हैं। ऐसे में इस सीट पर यह देखने को मिलता है कि जिस तरफ जीत उस तरफ जाटों का रुख।

कोटा सीट का सियासी गणित

कोटा सीट का सियासी गणित अधिक मजेदार है। इस सीट पर भाजपा के बागी नेता प्रहलाद गुंजल इस बार कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतरे हैं। ऐसे में उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार ओम बिरला से है। बता दें कि ओम बिरला 2003, 2008, 2013 का विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। 2014 और 2019 के आम चुनाव जीतने के बाद बिरला 2024 में जीत की हैट्रिक लगाने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में प्रहलाद गुंजल भी हाड़ौती दिग्गज नेता कहे जाते हैं। गुंजल की छवि एक तेज तर्रार और महान नेता की है। लेकिन इस सीट पर जीत उसी की होती है जो भीतरघात से निकलना जानता हो।

बांसवाड़ा सीट पर क्या हैं चुनावी समीकरण?

बांसवाड़ा सीट प्रदेश की वीआईपी सीट में शामिल है। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मैदान में उतारा गया है। मालवीय के साथ यहां कांग्रेस के कई और नेता भी भाजपा में आए हैं। लेकिन कांग्रेस ने यहां रणनीतिक पहल करते हुए बीएपी को ही अपना समर्थन दे दिया। लेकिन कांग्रेस ने बीएपी के साथ गठबंधन की घोषणा नहीं की और अपना उम्मीदवार भी इस सीट के लिए नहीं उतारा, जिसका फायदा बीएपी को अधिक होने वाला है।

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