जयपुर। राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ बिल’ का विरोध लंबे समय से चल रहा है ऐसे में रविवार के दिन इस बिल के विरोध में डॉक्टर्स द्वारा रैली निकाली गई थी जिसमें नाबालिक बच्चे शामिल नजर आए थे। मामले को बाल आयोग ने संज्ञान लिया। निकाली गई रैली में बच्चे थे शामिल ‘राइट टू हेल्थ […]
जयपुर। राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ बिल’ का विरोध लंबे समय से चल रहा है ऐसे में रविवार के दिन इस बिल के विरोध में डॉक्टर्स द्वारा रैली निकाली गई थी जिसमें नाबालिक बच्चे शामिल नजर आए थे। मामले को बाल आयोग ने संज्ञान लिया।
‘राइट टू हेल्थ बिल’ को लेकर राज्य में लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन 2 अप्रैल यानी रविवार के दिन निकाली गई रैली काफी सुर्खियों में है। दरअसल रविवार के दिन निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स, ‘राइट टू हेल्थ बिल’ के विरोध प्रदर्शन में रैली निकाल रहे थे। डॉक्टर्स द्वारा निकाली गई इस रैली में नाबालिक बच्चों को भी शामिल किया गया था। जानकारी के मुताबिक नाबालिक बच्चे इस रैली में विरोध प्रदर्शन करते हुए नारे लगाते नजर आए।
बता दें कि इस घटना के उपरांत आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने जिला कलेक्टर को चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि डॉक्टर्स की तरफ से निकाली गई रैली में नाबालिक बच्चों को भी शामिल किया था जो बाल अधिकारों का उल्लंघन हैं। आयोग ने बाल अधिकारों के इस उल्लघंन को गंभीरता से लिया है। जिसके बाद तीन दिन में इस प्रकरण की जांच करवाने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही सख्त कार्यवाही कर आयोग को सूचना भिजवाने के भी निर्देश दिए गए हैं । जानकारी के मुताबिक रैली के दौरान नाबालिक बच्चों के हाथ में ‘राइट टू हेल्थ बिल’ को वापस लेने का बैनर भी देखा गया था।
आपको बता दें कि गहलोत सरकार ने 2019 के चुनाव में ‘राइट टू हेल्थ बिल’ कि घोषणा करते हुए कहा था कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार इस बिल को लागू कर देंगे। चुनाव जीतने के बाद सरकार ने कई बार इस बिल को लागू करना चाहा लेकिन हर बार डॉक्टर्स के विरोध के चलते बिल लागू नहीं हो सका. अब 2023 में जाकर यह बिल पूरे राज्य में लागू हो सका है, जिसके बाद डॉक्टर्स इसका पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे है।