जयपुर। इलाज के लिए भटकते मरीजों की दिक्कते और प्रदेश भर के डॉक्टरों की 17 दिन की हड़ताल के बाद सहमति से राजस्थान में लागू हुए ‘राइट टू हेल्थ बिल’ की खुशी का प्रदेश सरकार के लिए खास महत्व है। ऐसे समय में जब प्रदेश में चुनाव की तैयारियों के लिए सभी पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगाने में जुटी हुई हैं, उस समय ये बिल प्रदेश सरकार के लिए बड़ा प्लस पॉइंट है।
सीएम गहलोत- देश में इस कदम की प्रशंसा हो रही है
राजस्थान सरकार की खुशी का अंदाजा इस बात से भी आप लगा सकते हैं कि सरकार ने अब इस बिल को भारत के लिए मिसाल बताते हुए इसे लागू करने की बात अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से एक वीडियो जारी करके कही है। सीएम गहलोत ने कहा कि ट्विटर पर वीडियो देखने के बाद पूरे देश में राजस्थान के इस कदम की प्रशंसा की जा रही है। इस कदम को पूरे देश को फॉलो करना चाहिए। उन्होंने इसको राजनीति से अलग रखते हुए विनती की है कि दूसरे राज्यों को राजनीतिक विरोध से हटकर लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए इसे लागू करना चाहिए।
वीडियो को करीब 3000 बार किया गया रीट्वीट
सीएम गहलोत द्वारा जो वीडियो ट्वीट किया गया है. साथ में उन्होंने एक संदेश लिखा है कि राजस्थान देश का पहला ‘राइट टू हेल्थ’ वाला प्रदेश बन गया है…देखिये क्यों इसे पूरे देश को अपनाना चाहिए। इस वीडियो में दर्शाया गया है कि कैसे समय पर इलाज न मिलने की वजह से लोगों ने अपनों को खो दिया और पैसों के अभाव में किस तरह लोग लाचार दिखाई दिए। बता दें कि इस ट्वीट को 3000 बार से ज्यादा रीट्वीट किया गया है।