जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं स्थित कोलिहान खदान हादसे में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. बीती रात यहां हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड यानी HCL की खदान में लिफ्ट मशीन 1800 फीट नीचे गिर पड़ी थी, जिस कारण विजिलेंस टीम समेत 15 ऑफिसर लिफ्ट के अंदर फंस गए. सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. तीन की हालत गंभीर है, जिन्हें जयपुर रेफर किया गया है. झुंझुनू सरकारी अस्पताल शीशराम के नर्सिंग स्टाफ का कहना है किसी के हाथ तो किसी के पैर में फ्रैक्चर हुआ है. सभी सुरक्षित हैं.
150 से ज्यादा मजदूर भी फंसे
कोलिहान खदान में हादसे की सूचना के बाद भीलवाड़ा के रामपुरा से रेस्क्यू टीम रात हो ही रवाना हो चुकी है. जल्द ही रामपुरा की रेस्क्यू टीम खेतड़ी पहुंच जाएगी. नीमकथाना के SP ने बताया कि स्थानीय टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है. लिफ्ट में फंसे अफसरों तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई है, ताकि उन्हें सांस लेने में कोई तकलीफ न हो.
बता दें कि विजिलेंस टीम मंगलवार शाम को खदान में उतरी थी. खदान से निकलते वक्त करीब रात 8:10 बजे LIFT की चेन टूट गई. जिस वजह से लिफ्ट में मौजूद सभी 15 लोग उसमें फंस गए. जिस जगह LIFT फंसी है, खदान में उसी के पीछे 150 से ज्यादा मजदूर (LABOURER) भी काम कर रहे थे. वे सब भी इस LIFT हादसे की वजह से खदान के अंदर ही फंस गए हैं. पहले LIFT में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जाएगा. उसके बाद ही मजदूरों का रेस्क्यू हो पाएगा. फिलहाल तीन अफसरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. जिन अधिकारियों का रेस्क्यू हो चुका है वो- एके शर्मा, जो कि कोलिहान खदान के उपमहाप्रबंधक हैं, प्रबंधक प्रीतम सिंह और हरसीराम हैं.
LIFT के अलावा अंदर जाने का कोई ऑप्शन नहीं
स्थानीय वर्कर्स ने बताया कि खदान काफी गहरी है. यहां 3 मीटर प्रति सैकंड की रफ्तार से लिफ्ट नीचे जाती है. लिफ्ट से ही अंदर जाया जा सकता है. इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है. यह लिफ्ट लोहे के रस्सों पर चलती है. आने-जाने के लिए दो अलग- अलग लिफ्ट हैं. खदान में जाने से पहले हर मजदूर की मेडिकल जांच की जाती है. इसके बिना अंदर खदान में जाने की अनुमति (PERMISSION) नहीं मिलती।
किसी को गंभीर चोट नहीं
देर रात 1 बजे मौके पर पहुंचे नौमकाथाना कलेक्टर शरद मेहरा ने बताया कि फिलहाल सब कुछ सही है. कोई कैजुअलिटी नहीं है. छोटी-मोटी चोट हो सकती है, किसी को गंभीर चोट नहीं आई है. प्रशासन की ओर से पहले से ही बाहर एंबुलेंस और डॉक्टरो की व्यवस्था की गई है। घायलों को तुरंत मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.