जयपुर : ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है। इस ख़बर के बाद दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हेलीकॉप्टर का मलबा मिला है। अब इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त किया है।
निधन से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं- PM मोदी
ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि , “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के दुखद निधन से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।”
ढूंढने के लिए तमाम देशों ने कदम बढ़ाया
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को ईरान के सबसे बड़े नेता आयातुल्लाह अली खुमैनी का उत्तराधिकारी बताया गया है, ऐसे में उनके लापता होने से दुनिया भर से कई सवाल सामने आ रहे हैं। ईरान सरकार ने भी इसको लेकर अभी तक अधिक कुछ कहा नहीं है।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी कौन ?
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का जन्म 1960 में उत्तरी पूर्वी ईरान के मशहद शहर में हुआ था। रईसी के पिता एक मौलवी थे, लेकिन रईसी जब पांच साल के थे, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। रईसी की शुरुआत से ही धर्म और राजनीति की तरफ झुकाव अधिक रहा और वो स्टूडेंट लाइफ में ही मोहम्मद रेजा शाह के विरोध में सड़कों पर उतरे थे। रेजा शाह को पश्चिमी देशों को समर्थक बताया जाता था।
2021 में नियुक्त किए गए राष्ट्रपति
महज 20 वर्ष की उम्र में ही इब्राहिम रईसी तेहरान के करीब स्थित कराज का महा-अभियोजक बनाया गया था।
साल 1989 से 1994 के बीच रईसी, तेहरान के महा-अभियोजक भी थे और 2004 से अगले दस सालों तक न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ भी बने रहे।
वर्ष 2014 में वो ईरान के महाभियोजक नियुक्त किए गए थे। ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख रहे रईसी के राजनीतिक विचार ‘अति कट्टरपंथी’ रहा।
जून 2021 में वे उदारवादी हसन रूहानी की जगह इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राष्ट्रपति बने।
शिया परंपरा के अनुसार इब्राहीम रईसी हमेशा काली पगड़ी में दिखते थे, माना जाता था कि वो पैगंबर मुहम्मद के वंशज हैं।
उन्हें ‘हुज्जातुलइस्लाम’ यानी ‘इस्लाम का सबूत’ की धार्मिक उपाधि भी दी जा चुकी है।