जयपुर : लोकसभा चुनाव का परिणाम 4 जून को जारी हो चुका है। ऐसे में आज रविवार, 9 जून को एनडीए की सहमति से आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पीएम बनने जा रहे हैं। इस बार की राजनीति में एक बार फिर राजस्थान की धमक नजर आने वाली है। प्रदेश के 3 सांसदों को कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद है। पीएम नरेन्द्र मोदी के शपथ लेने के बाद रविवार शाम राजस्थान के कुछ सांसदों के शपथ लेने की आशंका है। मोदी सरकार में राजस्थान से नए और पुराने चेहरों को भी मौका मिलने की संभावना है।
बिरला ने पांच वर्ष तक लोकसभा अध्यक्ष सदन को संभाला
मोदी की पिछली कैबिनेट में राजस्थान के 4 सांसदों का प्रतिनिधित्व देखा गया है। इसके साथ ही कोटा एमपी ओम बिरला ने पांच वर्ष तक लोकसभा अध्यक्ष सदन को संभाला है। इस साल लोकसभा चुनाव में प्रदेश के तीन मंत्री जीत गए जबकि कैलाश चौधरी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। बीते ढाई दशक में बिरला तो ऐसे एकमात्र लोकसभा अध्यक्ष हैं, जो चुनाव पुन: जीतकर संसद पहुंचे हैं। प्रदेश की 25 में से कुल 14 लोकसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली है।
इन मंत्रियों को मिलेगा कैबिनेट में जगह
बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ओम बिरला, अर्जुनराम मेघवाल, भूपेन्द्र यादव और गजेन्द्र सिंह एक बार फिर मोदी के तीसरे साल की कैबिनेट में नजर आ सकते हैं। बता दें कि बिरला और मेघवाल मंत्रिमंडल की दौड़ में आगे दिख रहे हैं। इसके साथ ही पहली बार सांसद बनीं महिमा कुमारी और मन्ना लाल रावत तथा दूसरी बार जीते भागीरथ चौधरी भी नए चेहरों के तौर पर कैबिनेट की दौड़ में मौजूद हैं।
बीजेपी के लिए चुनौती
बीजेपी के लिए कैबिनेट के गठन में राजस्थान का जातिगत समीकरण साधना सबसे बड़ी चुनौती होगा। इस साल के लोकसभा चुनाव में जातिगत समीकरण बिगड़ना भी बीजेपी की 11 लोकसभा सीटों पर हार का कारण बना है। ऐसे में बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व अब ऐसे नामों पर विचार विमर्श कर रहा है, जो प्रदेश में जातीय संतुलन बनाए रखे।
6 सांसद अधिक प्रबल दावेदार
ओम बिरला : तीसरी बार लगातार सांसद चुने गए। पांच वर्ष तक लोकसभा के सफल संचालन का अनुभव हैं। वैश्य समाज का बड़ा राजनीतिक चेहरा भी है।
अर्जुनराम मेघवाल : चौथी बार लगातार सांसद चुने गए। मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे। एससी समाज का बड़ा राजनीतिक चेहरा।
गजेन्द्र सिंह शेखावत : तीसरी बार लगातार सांसद बने। मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे। राजपूत समाज का राजनीतिक चेहरा।
भूपेन्द्र यादव : पहली बार लोकसभा चुनाव जीता, दो बार राज्यसभा सदस्य रहे। बीते 3 साल से मंत्री और संगठन का लम्बा अनुभव।
पीपी चौधरी : तीसरी बार लगातार सांसद चुने गए। मोदी के पहले कार्यकाल में विधि राज्यमंत्री पद संभाला।
नए चेहरे भी दौड़ में
महिमा कुमारी : पहली बार सांसद चुनी गईं। मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी और हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं मध्य प्रदेश से पारिवारिक और राजनीतिक रिश्ते हैं।
भागीरथ चौधरी : दूसरी बार लगातार सांसद बने। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी।