जयपुर। पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी के साथ एसी फटने की शिकायतें सुनने को आ रही है। अब गर्मी में एसी फटना आम बात हो गई है। जिसके चलते घरों और दफ्तरों में लगे एसी लोगों के लिए डर की वजह बनते जा रहे है। एसी ब्लास्ट के मामलों में बढ़ोतरी की क्या कारण हो सकते है, जिसके चलते एयर कंडीशनर बनाने वाली कंपनियों पर सवाल उठ रहे है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर गर्मी में इतने एसी क्यों फट रहे हैं? साथ ही, इन्हें ब्लास्ट से बचाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते है? तो आइए जानते हैं इन सवालों के पीछे के जवाब
तापमान में अचानक बढ़ोत्तरी के कारण. राजस्थान (Rajasthan) समेत उत्तरी भारत का तापमान 50 डिग्री के पार जा पहुंचा चुका है। जिसके कारण लोगों को भीषण गर्मी में बिना एसी के रहना पड़ रहा है। भीषण गर्मी से बचने के लिए लोग घंटों एसी चलाकर वह बाहर के बढ़ते तापमान से बचने की कोशिश करते है। लेकिन उनका घंटों एसी चलाना मौत का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक , भारत में बनने वाले एसी की क्षमता 50 डिग्री तापमान सहने तक की होती है. लेकिन जब इसे 50 के ऊपर के तापमान पर चलाया जाता है तो एसी के एम्बिएंस (कंप्रेसर के आस-पास ) पर प्रेशर पड़ता है। कूलिंग के लिए कंडेसर का तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस से कम होना चाहिए। ऐसे में बढ़ते तापमान में एसी के फटने का चांसेस हाई जाते है।
एसी फटने से बचने के उपाय
गर्मी में एसी चलाने से पहले जरूरी है कि एक बार एसी की सर्विसिंग करा ले जिससे समस्या का पता लगने पर उसे तुरंत ही ठीक किया जा सकें।स्टेबलाइजर के बिना एसी नहीं चलानी चाहिए। एसी को फटने से बचाने के लिए बेहतकर है कि अच्छी क्वालिटी का स्टेबलाइजर खरीदकर चलाए। पूरे दिन में 5 -5 घंटे के अंतराल पर एसी चलाएं, क्योकि इससे कंप्रेसर पर कम प्रेशर पड़ेगा। जानकारों के मुताबित एसी को हमेशा 24 के तापमान पर ही चलाना चाहिए।