जयपुर : आमचुनाव के नतीजे आने के बाद राजस्थान की पांच सीटों पर उपचुनाव होने वाले है। ऐसे में इन सभी सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर लगातार अटकलें तेज हो रहे हैं। बता दें कि राजस्थान से इस बार लोकसभा चुनाव में 7 विधायकों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें 5 विधायकों को सासंद बनने का मौका मिल पाया है। इस वजह से प्रदेश की पांच विधानसभा सीटें खाली पड़ी है। जिसके लिए नवंबर में चुनाव होने के आसार हैं। इसको लेकर अभी से ही राजनीतिक पार्टियां जोरों शोरों से तैयारी में जुट गई है।
नामों को लेकर अटकलें तेज
बता दें कि इन सभी पांच विधानसभा सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और बसपा भी अपने-अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। जिसके बाद से कहा जा रहा है कि चुनाव त्रिकोणीय और रोमांचक होने वाला है। ऐसे में इन सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर तरह-तरह के कयास लागए जा रहे हैं।
इन्हें मिल सकता है मौका
वहीं हाल ही में भाजपा ने आगामी उपचुनाव को लेकर बैठक की. जिसमें इन पांच सीटों पर मंथन हुआ। अटकलें तेज है कि भाजपा इस बार किसी को भी ऐसे ही टिकट नहीं देने जा रही हैं। पार्टी अपने रणनीति के तहत ही टिकट वितरण पर विचार करेगी। पार्टी काम करने वाले पुराने चेहरे को ही मौका देगी। ऐसे में अनुमान है कि बीजेपी देवली-उनियारा, खींवसर में पुराने ही उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है।
क्या कांग्रेस बरकरार रख पाएगी अपनी साख
बता दें कि राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस पक्ष में हो या विपक्ष में हमेशा मजबूत रही है। ऐसे में इस बार भी इन पांच सीटों पर कांग्रेस खेमा मजबूत दिख रहा है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले 10 वर्षों में विधानसभा की 20 और लोकसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। दो लोकसभा समेत 14 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत अपने नाम दर्ज की है, जबकि बीजेपी ने 4, रालोपा ने 1 और बीएपी ने 1 सीट जीती।