जयपुर: राजस्थान में सरकार बदलते ही पिछली सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं में बदलाव करने का काम शुरू हो जाता है, जिस कारण से नई योजनाएं शुरू होने तक प्रदेश की जनता के जीवन पर काफी असर पड़ता है. कुछ ऐसी ही स्थिति शिक्षा विभाग में भी उत्पन हुई हैं. नए शिक्षा सेशन से स्कूलों में छात्रों के पोषण के लिए चलाई गई बाल गोपाल योजना बंद पड़ी है. इस योजना के माध्यम से राज्य के 70 लाख स्टूडेंट्स को मिलने वाला दूध अब पिछले 2 महीने से बंद है.
बाल गोपाल योजना क्या है जानें
ऐसे में अब मौजूदा सरकार में बाल गोपाल योजना के माध्यम से स्कूली बच्चों को मोटा अनाज देने की चर्चा है, लेकिन यह मोटा अनाज कब तक विद्यालयों में बच्चों के पास आएगा इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है. बाल गोपाल योजना के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों व मदरसों के क्लास 1 से 8वीं तक के बच्चों को मिल्क पाउडर को प्रोसेस करके दूध दिया जा रहा था, लेकिन नए शिक्षा सेशन शुरू होने के पश्चात वह दूध मिलना बंद हो गया.
अब मोटा अनाज देने की चर्चा
जिन सरकारी शिक्षण संस्थान में 2023 के दूध के पैकेट पड़े थे उन्होंने कुछ समय तक बच्चों को दूध वितरित कराया, लेकिन अब विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाला दूध पूरी तरह से बंद पड़ा है. हालांकि, बाल गोपाल योजना को लेकर प्रदेश शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बोला है कि बच्चे पाउडर वाला दूध पीना नहीं चाहते थे इसलिए बच्चों के पोषण को देखते हुए अब मिलेट्स यानी मोटा अनाज दिया जाएगा.
2022 में शुरू हुई यह योजना
बता दें कि कांग्रेस सरकार जब सत्ता में थी तो 2022 में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना शुरू की थी. इस योजना के जरिए स्कूल में बच्चों को सप्ताह में 6 दिन पोषण के लिए दूध देने का निर्णय लिया गया था, जिसमें क्लास 1 से 5 तक के स्टूडेंट्स को 150 मिलीलीटर 6 से 8 तक के स्टूडेंट्स को 200 मिलीलीटर दूध दिया जा रहा था.
बच्चों को पाउडर वाला दूध नहीं आता पसंद
अब नई सरकार के गठन के बाद सरकार का यह फैसला संशोधित होता दिख रहा है, जिसके चलते शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बच्चों को पाउडर वाला दूध पसंद नहीं है और अब उनके पोषण के लिए स्कूलों में मोटा अनाज शुरू किया जाएगा. हालांकि, मोटे अनाज की आपूर्ति कब शुरू होगी, इसे लेकर शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी फिलहाल अनभिज्ञ हैं.