जयपुर। आज शिक्षक दिवस है और ऐसा हो सकता है कि शिक्षक दिवस के मौके पर हम कोचिंग कैपिटल कहे जाने वाले कोटा की बात न करें। यहां जैसे युवा और एनर्जेटिक शिक्षक शायद ही किसी दूसरे शहर में मिलेंगे। वो भी डॉक्टर- इंजीनियर की पढ़ाई छोड़कर टीचिंग में कॅरियर बनाने का ऐसा जुनून कोटा में ही है। यहां पढ़ने वाले छात्रों का पैशन ही आईआईटी और एम्स जैसे संस्थानों से इंजीनियर डॉक्टर प्रोफेशन चुनते हैं।
करोड़ो का पैकेज ठुकराकर बने शिक्षक
यहां के छात्र देश-विदेश में करोड़ों के पैकेज को ठुकराकर कोटा में स्टूडेंट्स को डॉक्टर इंजीनियर बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। यहां सैकड़ों टीचर है जिन्होंने आईआईटी जैसे बड़े संस्थानों से बीटेक और देश के बड़े मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस और फिर एमडी की डिग्री लेने के बाद टीचिंग में अपना कॅरियर देखा। यहां कई आईआईटीयन्स ऐसे है जिनका सालाना पैकेज एक करोड़ से ज्यादा का है। डॉक्टरी इंजीनियरिंग कर चुके टीचर्स को यहां 30 लाख से 1.20 करोड़ तक का एनुअल पैकेज मिल रहा है।
टीचिंग को बनाया अपना करियर
जब आप क्लास मे एंट्री लेते हैंऔर बच्चों के चेहरे पर खुशी देखते है तो वो सबसे जरूरी समय होता है। अमरनाथ आनन्द ने बीटेक IIT दिल्ली ,IIT मद्रास से कैमिकल में बीटेक किया है। नौकरी के कई बड़े ऑफर्स भी आए। लेकिन उसमें सेल्फ सेटिसफेक्शन नहीं थी। पकंज बिरला ने बीटेक के लिए IITमद्रास कोटा से कोचिंग की है। इसके बाद एमबीबीएस और फिर एम्स से पीजी किया है। पढ़ाने का पैशन उनमे शुरु से ही था। इसलिए इसी फील्ड में करियर बनाने कोटा आए थे। ऐसे कई छात्र ने जिन्होंने शिक्षक को अपना करियर बनाया है।