जयपुर। भरतपुर के एक निजी हॉस्पिटल में एक मरीज के परिवार वालों और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच हाथापाई हो गई। मरीज के परिवार वालों और कर्मचारियों के बीच कहासुनी होने से कर्मचारियों ने परिवार वालों पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया। मरीज के परिजन को चोटें आई। जिसमें से एक के हाथ की उंगली कट गई।
मामले के खिलाफ केस दर्ज
परिवार वालों ने मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किए जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन हॉस्पिटल स्टॉफ ने इससे इंकार कर दिया। जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है। यह मामला भरतपुर शहर के मथुरा गेट थाना क्षेत्र स्थित निजी अस्पताल एसजीएन का बताया जा रहा है। मथुरा गेट थाने में अस्पताल के कई कर्मचारियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है। चिकसाना थाना क्षेत्र के स्थानीय निवासी बनवारी ने थाने में केस दर्ज कर लिया है।
दिमागी समस्या के कारण हुई थी भर्ती
मरीज की पहचान गुड्डी देवी है जो आगरा की स्थानीय निवासी है। उसे ब्रेन की समस्या के कारण जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद 1 अक्टूबर को दोपहर में सारस चौराहा स्थित एसजीएन अस्पताल में उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था। जब मरीज के स्वास्थ्य में जब कोई सुधार नहीं हुआ तो परिवार वालों ने मरीज को छुट्टी देने की लिए कहा, तो अस्पताल के कर्मचारी बात को टालने लगे।
पैसे भी ले लिए
इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में झड़प हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि अस्पताल के 20 से 25 कर्मचारियों ने लाठी-डंडों से मारपीट करना शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने मरीज के परिवार वालों से लगभग 30 हजार रुपए भी ले लिए। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि अस्पताल ना हो मरीज को जाने दे रहा था और ना ही पैसे वापस कर रहा था। मरीज गुड्डी देवी विधवा है और खुद ही मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट पालती है।
कर्ज लेकर पैसे इकट्ठे किए
उसकी तीन बेटी और एक बेटा है। जिसमें से एक बेटी की शादी हो गई। महिला के अतिरिक्त घर में कमाने वाला कोई भी सदस्य नहीं है। जब वह बीमार हुई तो उसके बेटे ने कर्ज लेकर मां के इलाज के लिए पैसे इकट्ठे किए।