जयपुर: बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद नए सरकार का गठन हुआ। इस दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच एक बार फिर स्थिति तनावपूर्ण होती दिखाई दे रही है. बांग्लादेश में इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश की सरकार द्वारा उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर चिंता जताई है. अब इस मामले में राजस्थान के पूर्व मुखिया और कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी निंदनीय
अशोक गहलोत ने इस मामले पर कहा, “बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा के विरोध में लगातार बोलने वाले श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी निंदनीय है। तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है, लेकिन नई सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया है।”
इंदिरा गांधी के कार्यकाल का जिक्र कर बोले
अशोक गहलोत ने आगे कहा, “1970 के दशक में जब ऐसी गतिविधियां हुईं तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिंदुओं और वहां के सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए। भारत सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और वहां रहने वाले हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”
जानें पूरा मामला
बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास चटगांव में इस्कॉन द्वारा संचालित धार्मिक स्थल पुंडरीक धाम के प्रमुख हैं। उन्हें ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा ने सोमवार (25 नवंबर) को हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद मंगलवार (26 नवंबर) को उन्हें चटगांव कोर्ट में पेश किया गया, इसके बाद उन्हें जेल भेजा गया. चिन्मय कृष्णा ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों और खासकर हिंदुओं को लगातार परेशान कर रही है.