जयपुर। संगीत कला के प्रेमियों के लिए प्रसिद्ध महाराणा कुंभा का कुंभलगढ़। इस बार 18वें कुंभलगढ़ महोत्सव में सांस्कृतिक विविधता को भी शामिल किया जाएगा। महोत्सव के दूसरे दिन जोधपुर से आए जीवननाथ और लंगा पार्टी ने राजस्थानी लोकगीतों ने पर्यटकों को काफी आर्कषित किया है।
गैर नृत्य प्रस्तुति खास रही
वहीं बाड़मेर के पारसमल एंड पार्टी की लाल आंगी गैर नृत्य प्रस्तुति ने कार्यक्रम को बेहद खास बना दिया है। जीवननाथ एंड लंगा पार्टी ने “छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाके,” “निंबुडानिंबुडा निंबुडा,” और “केसरिया बालम आवोनी पधारो म्हारे देश” जैसे लोकप्रिय राजस्थानी लोकगीतों के साथ कार्यक्रम में चार चांद लगाए। इसके अतिरिक्त बाड़मेर से आई लाल आंगी गैर के देसी ढ़ोल की थाप पर हुए नृतकी गैर नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं गैर नृत्य कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बना रहा।
बहरूपियों के कपड़ों ने ध्यान खींचा
चित्तौड़ से आए दुर्गाशंकर एंड पार्टी के बहरूपियों ने अपनी अलग तरह की वेशभूषाओं से दर्शकों का खूब ध्यान खींचा है। कुंभलगढ़ दुर्ग परिसर में आने वाले कलाकारों ने राजस्थान के विभिन्न प्रांतों की संस्कृति और कला की छटा बिखेरी है। इस दौरान उदयपुर पर्यटन निगम अधिकारी शिखा सक्सेना, हेरीटेज सोसाइटी के सचिव कुबेर सिंह सोलंकी, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भारतपाल सिंह शेखावत समेत कई अतिथि मौजूद रहे।
कला के विविध रूप प्रदर्शित
सक्सेना ने बताया कि यह महोत्सव तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें राजस्थान की संस्कृति और कला के विविध रूप प्रदर्शित होंगे। यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जो इस महोत्सव का हिस्सा बनते हैं।