Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • Borewell Accident: दौसा में एक फिर मासूम गिरा बोरवेल में, पैर फिसलने से हुआ हादसा

Borewell Accident: दौसा में एक फिर मासूम गिरा बोरवेल में, पैर फिसलने से हुआ हादसा

जयपुर। राजस्थान में खुले और गहरे बोरवेल मासूम बच्चों की जान के लिए खतरा बनते जा रहे है। अपने खेतों और जमीन पर सूख चुके बोरवेल को लोग मिट्टी से भरने की बजाय खुला छोड़ देते हैं। जिसकी कीमत कई बार मासूम बच्चों को चुकानी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के दौसा जिले […]

Advertisement
Borewell Accident
  • December 10, 2024 5:37 am IST, Updated 2 months ago

जयपुर। राजस्थान में खुले और गहरे बोरवेल मासूम बच्चों की जान के लिए खतरा बनते जा रहे है। अपने खेतों और जमीन पर सूख चुके बोरवेल को लोग मिट्टी से भरने की बजाय खुला छोड़ देते हैं। जिसकी कीमत कई बार मासूम बच्चों को चुकानी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के दौसा जिले से सामने आई है।

गांव वाले और प्रशासन मौके पर पहुंचे

राजस्थान के दौसा में सोमवार की शाम एक बच्चा डेढ़ सौ फीट गहरे बोरवेल में फंस गया। दौसा के पापड़दा थाना इलाके के कालीखाड़ गांव में शाम करीब तीन बजे से यह हादसा हुआ। जब यह हादसा हुआ तो 5 का साल का आर्यन अपनी मां के साथ था। आर्यन की मां खेत के पास कुंए पर काम कर रही थी। तभी अचानक आर्यन का पैर फिसला और वो पास के खुले बोरवेल में गिर गया। आर्यन के बोरवेल में गिरने के बाद उसकी मां ने पूरे गांव को इस हादसे के बारे में बताया। सूचना मिलते ही गांव वाले और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा।

सीसीटीवी से की जा रही निगरानी

जिस बोरवेल में आर्यन गिरा। उसके आस- पास की जमीन की खुदाई 7 जेसीबी मशीनों से शुरू करवा दी गई है। जिला कलेक्टर समेत पूरा प्रशासन बचाव कार्य में लगा हुआ है। बचाव कार्य की निगरानी का काम सावधानी से किया जा रहा है। बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन पाइप डाला गया है ताकि आर्यन को सांस लेने में कोई तकलीफ न हो। सीसीटीवी के जरिए आर्यन के मूवमेंट को देखा जा रहा है। जयपुर से एसडीआरएफ की एक टीम को भी मौके पर पहुंचाया। दौसा विधायक डी डी बैरवा भी स्थानीय लोगों के साथ घटनास्थल पर मौजूद रहें।

12 घंटे तक बचाव कार्य किया

इससे पहले सितंबर महीने में दौसा के ही बांदीकुई इलाके में 4 साल की बच्ची नीरू पैंतीस फीट गहरे बोरवेल में फंस गई थी, जिसे करीब 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया था। इस बच्ची को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने लगातार 12 घंटे तक बचाव कार्य किया। साथ ही खुदाई भी जारी रखी।


Advertisement