Friday, December 20, 2024

Local language: स्कूलों में स्थानीय भाषा में होगी पढ़ाई, बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम पर काम जारी

जयपुर। उदयपुर समेत प्रदेश के 7 और जिलों के सरकारी स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। जिसमें उदयपुर, जयपुर, पाली, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद शामिल हैं। इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शिक्षा विभाग सिरोही और डूंगरपुर के कुछ स्कूलों में इसकी शुरुआत साल 2023-24 में हो चुकी है।

स्थानीय भाषा में बच्चों को शिक्षित करना

इन जिलों के शेष स्कूलों में भी नए सत्र से स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में अब मेवाड़ी, ढूंढाड़ी समेत स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई की सुविधा होगी। अगले शैक्षणिक सत्र से प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा 1 से कक्षा 5 तक) के छात्र अब स्थानीय भाषाओं में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- स्थानीय भाषा के इस्तेमाल और उसके माध्यम से बच्चों को शिक्षित करना जरुरी है।

बच्चे स्कूल की भाषा को सीख पाएं

बच्चे जब अपने परिवेश में कोई भाषा सीखते हैं, तो उनकी समझ जल्दी विकसित होती है। राजस्थान में कई तरह की बोलियां बोली जाती हैं। शिक्षक और बच्चों की भाषा अलग-अलग होने के कारण बच्चों को स्कूल की भाषा सीखने में थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसी को मद्देनजर रखते हुए पाठ्यक्रम और शुरुआती साल में शिक्षण कार्य स्थानीय भाषा में ही होना चाहिए ताकि बच्चे आसानी से स्कूल की भाषा को सीख पाएं।

इन जगहों पर जारी स्थानीय भाषा

शिक्षा मंत्री ने बताया कि फिलहाल 2 जिलों (सिरोही और डूंगरपुर) के कुछ स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम पर काम किया जा रहा है। इसे अगले सत्र से प्रदेश के सिरोही-डूंगरपुर समेत 9 जिलों में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही सत्र 2026 से ये कार्यक्रम प्रदेश के 25 जिलों में लागू किया जाना प्रस्तावित है। फिलहाल जयपुर में ढूंढाड़ी, चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़, उदयपुर में मेवाड़ी, राजसमंद में मेवाड़ी, डूंगरपुर-बांसवाड़ा में वागड़ी, पाली में राजस्थानी गोडवाड़ी और बागड़ी, सिरोही में मारवाड़ी भाषा बोली जाती है। शिक्षा विभाग इन्हीं स्थानीय भाषाओं में छात्रों को पढ़ाने की तैयारी है।

Ad Image
Latest news
Related news