जयपुर। आयुर्वेद में लौंग को एक आयुर्वेदिक औषधि माना गया है। इसका इस्तेमाल हजारों सालों से कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। लौंग में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। संबंधित खबरें Photo Feature: रोज पिएं धनिया का […]
जयपुर। आयुर्वेद में लौंग को एक आयुर्वेदिक औषधि माना गया है। इसका इस्तेमाल हजारों सालों से कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। लौंग में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
लौंग में पाए जाने वाले डाइजेस्टिव एंजाइम्स को सक्रिय करने का काम करता है, जिससे गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या दूर होती है। इससे नियमित खाने से पेट की जलन और सूजन कम होती है। लौंग पेट से जुड़ी कई समस्याओं में कारगर साबित होती है।
लौंग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जिससे ये सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव करने में सहायक होता है। लौंग में ऐसे गुण होते है जो कई बीमारियों से राहत दिलाने का काम करते हैं।
लौंग में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह के बैक्टीरिया को खत्म कर सांसों की दुर्गंध को दूर करते हैं। यह दांतों के दर्द और मसूड़ों की सूजन में भी फायदेमंद होती है। लौंग के औषधीय गुण सिरदर्द को कम करने में मददगार होते हैं।
लौंग में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस की प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाती हैं। इस तरह ये ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारी से लड़ने का काम करती है। इसे चबाने या लौंग का तेल लगाने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।
लौंग बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और खांसी जैसी समस्याओं से निजात दिलाते है। इसका एंटीइंफ्लेमेटरी गुण फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
लौंग ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर डायबिटीज के मरीजों को फायदा देता है। लौंग शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे एक्स्ट्रा चर्बी जल्दी बर्न होती है। यह पेट की चर्बी कम करने और वेट लॉस करने में सहायक होती है।