जयपुर। अक्षय तृतीया के अवसर पर भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, 2025 को मनाई जाएगी। भगवान परशुराम का जन्म ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान परशुराम का जन्म अन्याय, अधर्म और पाप को खत्म […]
जयपुर। अक्षय तृतीया के अवसर पर भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, 2025 को मनाई जाएगी। भगवान परशुराम का जन्म ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान परशुराम का जन्म अन्याय, अधर्म और पाप को खत्म करने के लिए हुआ था।
हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मदिवस मनाया जाता है। भगवान परशुराम के जन्मदिवस को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस पावन दिन पर भगवान परशुराम की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त अप्रैल 29, 2025 को शाम 05:31 बजे शुरू होगा। वहीं इसकी समाप्ति अप्रैल 30, 2025 को दोपहर 02:12 बजे होगी। अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना लाभकारी होता है।
अक्षय तृतीया के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। हो सके तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। अगर ऐसा न हो पाए तो घर के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के बाद घर के मंदिर को अच्छे से साफ कर लें। मंदिर को साफ करने के बाद भगवान परशुराम की प्रतिमा को स्थापित करें। उनकी प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित जलाएं। अगर आप व्रत करना चाहते हैं तो व्रत का संकल्प लें।
भगवान को सच्चे मन से याद करें। भगवान परशुराम को मीठे का भोग लगाएं। इस बात का खास ध्यान रखें कि भगवान परशुराम को केवल सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान की आरती उतारें। आरती उतारने के बाद उन्हें मंत्रों का जाप करें। अंत में भगवान का आशीर्वाद लें।