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राजस्थान: अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने दिव्यांग लड़की का थामा हाथ

जयपुर। शादियों के इस मौसम में एक शादी काफी सुर्खियां बटोर रही है. राजस्थान के दौसा जिले में 55 वर्षीय बल्लू राम ने 25 वर्षीय मीना का हाथ थाम कर विवाह रचा. दौसा जिले की अनोखी शादी आपको बता दें कि इस समय शादियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में एक शादी काफी सुर्खियां […]

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Dausa District Marriage: bride & bridegrooom has 25 year age difference
  • May 5, 2023 5:06 am IST, Updated 2 years ago

जयपुर। शादियों के इस मौसम में एक शादी काफी सुर्खियां बटोर रही है. राजस्थान के दौसा जिले में 55 वर्षीय बल्लू राम ने 25 वर्षीय मीना का हाथ थाम कर विवाह रचा.

दौसा जिले की अनोखी शादी

आपको बता दें कि इस समय शादियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में एक शादी काफी सुर्खियां बटोर रही है. राजस्थान के दौसा जिले के नवरंग पुरा गांव के रहने वाले बल्लू राम उर्फ बरम ने नापा का बास की रहने वाली विनीता से 3 मई को धूमधाम से शादी की. यह शादी अब पूरे जिले में मशहूर हो रही है इसका पहला कारण दोनों के बीच 25 साल का अंतर है. वहीं दूसरा कारण युवती के दिव्यांग होने के कारण उससे कोई विवाह नहीं कर रहा था. ऐसे में 55 वर्षीय बल्लूराम ने जिंदगी भर के लिए उसका हाथ थाम लिया। दरअसल युवती पूरी तरह से दिव्यांग है और चलने-फिरने में असमर्थ है. इन सबके बावजूद बल्लूराम ने उससे शादी की. पूरे जिले में बल्लूराम इसी वजह से काफी सुर्खियों में हैं. उनकी लोगों द्वारा खूब तारीफ हो रही हैं.

पूजा-पाठ में बिताए 31 साल

बता दें कि 31 साल से बल्लूराम गांव में स्थित शिव भगवान मंदिर की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भोले बाबा की भक्ति के कारण शादी का विचार कभी मन में नहीं आया. वृद्ध अवस्था में उन्होंने शादी करने का फैसला किया तब जाकर परिवार वालों ने लड़की ढूंढना शुरू किया।

बल्लू को दिव्यांग विनीता की मिली जानकारी

शादी के फैसले के बाद एक दिन बल्लू को दिव्यांग विनीता की जानकारी मिली। नापा की बास की रहने वाली विनीता के दिव्यांग होने की वजह से उनसे कोई शादी करने को हामी नहीं भर रहा था. इस खबर की भनक लगते ही बल्लू राम ने विनीता से शादी करने का फैसला ले लिया।

धूम-धाम से की गई शादी

दोनों परिवार की आपसी सहमति के बाद तीन मई के दिन रीती-रिवाजों के साथ शादी सम्पन हुई. शादी की रात विनीता के परिवार की महिलाओं ने बल्लू का स्वागत-सत्कार किया और शादी की रस्मे निभाई।

भाई ने गोद में उठाकर फेरे लगवाए

विनीता दिव्यांग होने के कारण चल नहीं सकती है. इसलिए साथ फेरों की रस्म निभाने के लिए विनीता के भाई ने उसे गोद में उठाकर साग्नि को साक्षी मानते हुए फेरे लगवाए। इस तरह विवाह सम्पूर्ण हो सका.


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