जयपुर। थार के रेगिस्तान का दरवाजा कहे जाने वाले जोधपुर 565 साल का होने जा रहा है. राव जोधा ने 12 मई 1459 को जोधपुर की स्थापना की थी. जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.
जोधपुर शहर का जन्मोत्सव
आपको बता दें कि आज जोधपुर का जन्मोत्सव है. इस शहर को सन सिटी कहा जाता है क्योंकि सूरज राजस्थान में सबसे ज्यादा जोधपुर में चमकता है. मरुस्थल का नाम सुनते ही चिलचिलती धूप, धूल भरी आंधी की याद आती होगी। इसी मरुस्थल के पास जोधपुर शहर बसा हुआ है. इसे सन सिटी के साथ-साथ ब्लू सिटी भी कहते हैं. ऐसा इसलियर क्योंकि बेतहाशा गर्मी से बचने के कारण यहां के मकानों न रंग ब्लू किया गया इसलिए इसे ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है. जानकारी के अनुसार जोधपुर पहले मंडोर के पास स्थित था उसके बाद राव जोधा ने जोधपुर दुर्ग मेहरानगढ़ और शहर को यहां बसाया। यह शेर मंडोर की पहाड़ियों से घिरा था और वहां आदिक लोग नहीं बस सकते थे इसलिए जोधपुर को यहां बसाया गया.
सात द्वार को किया गया निर्माण
जोधपुर शहर में सात द्वार बनाए गए. जिसमें जालोरी गेट, सोचती गेट, नागौरी गेट, सिवांची गेट और मेडती गेट शामिल हैं. इनके अतिरिक्त चांदपोल और सूरजपोल को भी निर्मित किया गया. शहर में 10 किलोमीटर के दायरे में परकोटा बनाया गया था. एक समय रात 9 बजे दरवाजों को बंद कर दिया जाता था और कोई भी शहर में प्रवेश नहीं कर सकता था. ऐसा बताया जाता है कि जंगली जानवरों और शहर की सुरक्षा के लिए यह दरवाजे रात को बंद कर दिए जाते थे.
महानगर का दर्जा प्राप्त
जोधपुर को महानगर का दर्जा प्राप्त है इस शहर की आबादी 42 लाख 75 हजार से आदिक हो चुकी है. यहां का सदरबाजार लोगों के बीच काफी मशहूर है वहीं खाने की बात करें तो समोसा,कचौरी मिर्च बड़ा लोगों को काफी पसंद आता है.