बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर में वैसे तो कई बावड़ियां हैं और इन बावड़ियों को लेकर खास मान्यताएं भी हैं। ऐसे में एक ऐसी बावड़ी है जिसका पानी कभी खत्म नहीं होता है। यह बावड़ी श्री यंत्र और अष्ट कोणीय नुमा आकृति बनी है। इस अद्भुत बावड़ी की खासियत है कि इस बावड़ी में श्री यंत्र की आकृति भी बनी हुई है जिसका काफी प्रभाव रहता है।
रघुनाथ सागर नाम से भी जाना जाता है
मिली जानकारी के अनुसार इस इस बावड़ी में 35 सीढ़ियां है और 22 फुट गहरी है। बावड़ी के ऊपर ही पाँच छतरियाँ बनी हैं, जिनमें दो संगमरमर की हैं। उनमें रासलीला के चित्र अंकित है। बावड़ी की सीढ़ियों पर बैठकर साधु-संत तप करते है। कहा जाता है कि इस बावड़ी की सीढ़ियों पर बैठकर तप करने पर काफी प्रभाव और सिद्धि प्राप्त होती है।
यह बावड़ी को रघुनाथ सागर तालाब के नाम से जाना जाता है। इस तालाब का निर्माण 1696 में किया गया। इसे बीकानेर के प्रतिष्ठित मूँधड़ा परिवार की ओर से श्री गोपालजी के पौत्र रघुनाथ की पुण्य स्मृति में बनवाया गया। इसी कारण उस समय से यह रघुनाथसागर नाम से जाना जाता रहा है। क्योंकि मूँधड़ा जाति ने इसका निर्माण करवाया, इसलिए इसे मूँधड़ों का तालाब भी कहा जाता था। पहले यह फूलनाथ का तालाब नाम से प्रसिद्ध हुआ।