जयपुर: मानसून का इंतजार कर रहे लोगो के लिए एक बड़ी खबर सामने आयी है। इस बार भारत में मानसून की एंट्री थोड़ी देर से हो सकती है। मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून पहुंचने में देरी हो सकती है। मानसून का देशभर में इंतजार रहता है क्योंकि बारिश की फुहारों से न सिर्फ लोगों को गर्मी से राहत मिलती है बल्कि खेती के लिए किसान भी उस पर निर्भर रहती है। जैसे-जैसे मानसून उत्तर की तरफ बढ़ता है, मौसम में परिवर्तन होता जाता है। केरल में मानसून पहुंचने की तारीख 1 जून है और इसमें 7 दिनों का उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार केरल में मानसून 4 जून को दस्तक देने की संभावना जताई जा रही है।
इन पैरामीटर पर लगाया जाता है अनुमान
मौसम विभाग पिछले 18 साल से मानसून के लिए भारत आगमन पर पूर्वानुमान लगाता आ रहा है। कुल 6 पैरामीटरों पर यह पूर्वानुमान लगाया जाता है। इसमें उत्तर पश्चिम भारत का न्यूनतम तापमान भी शामिल है। आपको बता दें कि इसके पहले वर्ष 2018 में 29 मई को, 2019 में 8 जून, 2020 में 1 जून को , 2021 में 3 जून और 2022 यानी पिछले साल मानसून 29 मई को केरल पहुंचा था।
खरीफ की फसल हो सकती है प्रभावित
वहीं बात करें अप्रैल-मई में पिछले दिनों की तो दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में बारिश हुई और लोगों को ठंड का एहसास होने लगा था। कुछ लोगों में आशंका पैदा हो गई थी कि इस बार मानसून में देरी हो सकती है। लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि अगर मानसून में ज्यादा देरी होती है तो खरीफ की प्रमुख फसलों की बुवाई में देरी हो सकती है। मतलब यह कि मानसून खेती को प्रभावित कर सकता है। जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। वैसे भी मौसम में हो रहे अचानक बदलाव से किसान पहले भी प्रभावित होते आए हैं।