जयपुर। मध्यप्रदेश की तर्ज पर अब बहुत जल्द राजस्थान के जंगलों में चीतों की दहाड़ सुनाई दे सकती है.
राजस्थान में चीतों का आगमन
आपको बता दें कि राजस्थान में अब मध्यप्रदेश की तर्ज पर चीतों का आगमन बहुत जल्द होने वाला है. दरअसल कूनों में चीतों की मौत होने के उपरान्त मध्यप्रदेश के अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि वर्तमान में कूनों में क्षमता से ज्यादा चीते है जिनमें से कुछ चीतों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट करने की आवश्यकता है. जानकारी के अनुसार पूर्व में एमपी से कुछ चीतों को कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाना था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा चीतों को राजस्थान में शिफ्ट करने की नसीहत दी है.
चीता टास्क फोर्स को सुझाव देने के निर्देश
पूर्व में डब्ल्यूआईआई और दक्षिण अफ्रीका से आई विशेषज्ञों की टीम ने भी कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व व बारां के शेरगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को चीतों के लिए उपयुक्त माना था और एमपी के कूनों में चीता प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद चरणबद्ध तरीके से मुकुंदरा व शेरगढ़ में शिफ्ट किया जाना था। उच्चतम न्यायालय की और से एमपी में चीतों की मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए वन्यजीव विशेषज्ञ समिति को चिता टास्क फाॅर्स को इस संबंध में सुझाव देने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने चीतों की मौत पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि चीतों की मौत होना एक चिंता का विषय है और चीतों को राजस्थान में शिफ्ट करने पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट की ओर से सरकार को इस मामले को राजनीती से दूर रखने के भी निर्देश दिए है और मामले में पार्टी पॉलिटिक्स से परे रखकर कार्रवाई करने को कहा है।