जयपुर: राजस्थान में पुलिसकर्मियों को रील्स बनाने पर खैर नहीं। डीजीपी उमेश मिश्रा ने पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन जारी की है। पुलिसकर्मियों को इस सोशल मीडिया गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। यहां तक कि पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया ग्रुप्स से जुड़ने पर भी पाबंदियां लगा दी गई हैं। डीजीपी ने पुलिस को बताया कि कौन-से ग्रुप में नहीं जुड़ना है। आदेश में कहा गया है कि मौजूदा दौर में पुलिस अधिकारीयों और कर्मचारियों द्वारा भी व्यक्तिगत रूप से सोशल मीडिया के विभिन्न हैंडल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। चूंकि सोशल मीडिया पर डाली गयी प्रत्येक सामग्री पब्लिक प्लेटफॉर्म पर सबके लिए आसानी से उपलब्ध होती है इसलिए पुलिस अधिकारीयों और कर्मचारियों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर कुछ बातों को ध्यान रखना बेहद जरुरी है।
डीजीपी ने जारी की यह गाइडलाइन
1- राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल को लाइक और फॉलो करें।
2- सरकारी सोशल मीडिया अकाउन्ट में सरकारी CUG मोबाइल नंबर और NIC या Gov.in की सरकारी ई-मेल आईडी का इस्तेमाल करें।
3- सोशल मीडिया अकाउंट की सुरक्षा के लिए स्ट्रांग पॉसवर्ड बनाएं और समय-समय पर उसे बदलते रहें।
4- पुलिसकर्मियों वर्दी में ऐसी किसी भी तरह की रील ना बनाएं और ना ही अपलोड करें, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो।
5- सोशल मीडिया पर ऐसा कोई लाइव ना करें, जिससे पुलिस की गोपनीयता भंग होने की संभावना रहती है।
6- किसी भी अंदर कवर ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा ना करें।
7- राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों के बारे में सरकारी या निजी हैंडल से किसी भी तरह की कोई पोस्ट या टिप्पणी ना की जाए।
8- व्यक्तिगत हैंडल से किसी भी तरह के कोई गोपनीय सरकारी दस्तावेज साझा ना करें।
9- पुलिसकर्मियों द्वारा अपने निजी या सरकारी हैंडल से जाति विशेष / सम्प्रदाय / धर्म / क्षेत्रवाद पर भेदभाव या पूर्वाग्रह से ग्रसित टिप्पणी ना करें।
10- गश्त,पेट्रोलिंग के समय पुलिसकर्मियों को मिलने वाले लोगों की फोटो जरूरत पड़ने पर ब्लर करके ही सोशल मीडिया हैंडल्स पर डाली जाए जिससे उनकी पहचान की गोपनीयता बनी रहे।