जयपुर: चित्तौड़गढ़ में संयुक्त एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने बताया कि पिछले बजट में सीएम अशोक गहलोत ने न्यू पेंशन स्कीम के बदले ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ विभागों में सीपीएफ स्कीम लागू होने के कारण ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने में कुछ तकनीकी परेशानियां आ रही थीं. सीएम ने कर्मिकों की भावनाओं को समझते हुए इस पर गहनता से अध्ययन किया.
बीते 10 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान का बजट पेश किया. सीएम द्वारा जारी इस बजट में बिजली कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम की घोषणा की गई, जिससे बिजली कर्मचारियों में हर्ष एवं उत्साह का माहौल बना हुआ है.
इसी को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी विमलचंद जैन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री और राजस्थान राज्य धरोहरण संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने सीएम के लिए कहा कि “मैंने मुल्कों की तरह लोगों के दिल जीते हैं, यह हुकूमत किसी तलवार की मोहताज नहीं, लोग होठों पर सजाए हुए फिरते हैं मुझे, मेरी शोहरत किसी अखबार की मोहताज नहीं.” साथ ही इस कार्यक्रम में संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी चेतन प्रकाश शर्मा ने कहा कि बिजली कर्मियों की जान 24 घंटे खतरे में रहती है.
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की लगातार सेवा में लगे रहते हैं. लोगों के लिए काम करते वक्त हजारों बिजली कर्मचारी शहीद हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होने से अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों को अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा था, लेकिन शुक्रवार को जारी बजट में बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने से समस्त विद्युत कर्मियों ने राहत की सांस ली है. साथ ही उन्होंने कहा कि साल 2023 का बजट ऊर्जा क्षेत्र में व साथ ही संपूर्ण राजस्थान के सर्वांगीण विकास को प्रदर्शित करता है. बिजली कर्मचारियों के लिए यह बजट अविस्मरणीय रहेगा.