जयपुर : राजस्थान में नाबालिग बालिका से दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने अभियुक्त प्रकाश के विरुद्ध आरोप पत्र पेश किया गया. इस मामले में पोक्सो न्यायालय में पीड़िता और राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 23 गवाह परीक्षित कराएं. साथ ही उनके द्वारा आरोपी के द्वारा 28 दस्तावेज प्रदर्शित कराए गए. न्यायालय में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त प्रकाश मेघवाल को भारतीय दंड संहिता धारा 342 , भारतीय दंड संहिता धारा 376 ( 3) और धारा 3/4 पोक्सो एक्ट के आरोपों में दोषी घोषित किया गया.
अकेला पाकर की हैवानियत
पीड़िता के पिता ने बताया कि 28 जनवरी 2020 को उनके उनकी पत्नी का फोन आया. पत्नी ने उन्हें जल्दी घर आने को कहा. घर आने पर उसकी 14 वर्षीय बेटी ने बताया कि 27 जनवरी 2020 को दोपहर में वह अपनी सहेली के घर उसको नोटबुक देने गई थी. वहां उसकी सहेली का भाई प्रकाश था, जिसने कहा कि अभी घर पर कोई नहीं है. प्रकाश की बात सुनकर वह लौटकर वापस अपने घर आने लगी. तभी प्रकाश उसे जबरदस्ती पकड़कर अपने घर के अंदर ले गया. प्रकाश ने पीड़िता को मुंह अपने हाथों से बंद कर दिया और उसके साथ जबरदस्ती रेप किया. साथ ही उसने उसे धमकी दिया कि अगर उसने ये बात किसी और बताया तो वो उसे जान से मार देगा.
20 सालों की कैद
आरोपी प्रकाश मेघवाल निवासी बोरड पुलिस थाना चारभुजा को पोक्सो कोर्ट राजसमंद के विशिष्ट न्यायाधीश सुनील कुमार पंचोली ने सजा सुनाते हुए 20 वर्ष की कठोर कारावास और ₹21000 जुर्माने की सजा से दंडित किया. उक्त मौके पर विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 28 जनवरी 2020 को पीड़िता के पिता ने पुलिस थाना चारभुजा में मामले की शिकायत पुलिस में करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई. साथ ही उसने बताया कि वह मजदूरी के लिए राजसमंद रहता है. घर पर गांव में उसकी मां पत्नी व तीन बच्चे रहते हैं.