जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई रविवार को नए संसद भवन का उद्धघाटन कर देश को समर्पित किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नए संसद भवन की इमारत पर स्थापित किए गए अशोक स्तंभ बनाने का काम राजस्थान के जाने माने शिल्पकार और राजस्थान के ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने किया था।
कौन है लक्ष्मण व्यास
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नोहर कस्बे के रहने वाले मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास नोहर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष श्रीराम व्यास के छोटे भाई हैं। वर्तमान में वे जयपुर में रहते हैं। लक्ष्मण व्यास बचपन से ही मूर्तिकार बनाना चाहते थे। लेकिन उनके पिता उन्हें लेक्चरर बनाना चाहते थे। हालांकि इस दौरान उन्हें कभी मूर्तिकला से नहीं रोका। लक्ष्मण व्यास ने 12वीं के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में फाइन आर्ट्स में एडमिशन लिया और मूर्तिकला में ही स्नातक की डिग्री प्राप्त की। आज वह पूर्णकालिक मूर्तिकार के रूप में काम करते हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय से मूर्तिकला में डिग्री करने के बाद देश-विदेश में अब तक 300 से अधिक प्रतिमाओं का निर्माण कर चुके हैं। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से नोहर की पहचान राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय स्तर पर करवाई है। नए संसद भवन में जो अशोक स्तंभ स्थापित है उसे भी इन्होंने ही बनाया है।
यह खासियत है अशोक स्तंभ की
अपनी खुशी का इजहार करते हुए लक्ष्मण व्यास ने बताया कि संसद भवन पर स्थापित अशोक स्तंभ को तैयार करने में उन्हें 5 महीने का वक्त लगा था। इस दौरान उनकी 40 लोगों की टीम ने दिन-रात एक करके इसे तैयार किया। मूर्ति को खास तौर पर जंग रोधक बनाया गया है, जिसमें नब्बे फीसदी तांबे और दस प्रतिशत टीन का इस्तेमाल किया गया, जिससे सालों तक स्टेच्यू को कोई नुकसान ना हो। मूर्ति को बनाने के बाद इसे अलग-अलग 150 टुकड़ों में दिल्ली ले जाकर असेंबल किया गया। इसमें राजस्थान के सरमथुरा ने बलुआ पत्थर, स्टोन जाली वक्र्स राजनगर, लाल लाख जैसलमेर , केसरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया था ।
मेरे लिए गर्व की बात
संसद भवन के लोकार्पण को लेकर लक्ष्मण व्यास ने कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि वह इसके निर्माण कार्य का हिस्सा रहे हैं। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा काम था जो उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया।