जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच दरार काफी समय से सुर्खियों में है. इसी कड़ी में कांग्रेस आलाकमान का यह दावा कर रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट के बीच अब कोई विवाद नहीं है. मगर दोनों एक दूसरे के खिलाफ लगातार तंज कस रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि राजस्थान कांग्रेस के दोनों दिगज्ज नेता आगामी चुनाव में क्या एक साथ लड़ सकेंगे?
राजस्थान में क्या है सियासी हाल ?
आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस दो गुटों में बट चुकी है. इसका सबसे बड़ा कारण अलग -अलग विचारधाराएं हो सकती है. कांग्रेस आलाकमान के द्वारा दोनों गुटों दोनों के साथ कई बार वार्ता भी की गई, मगर प्रयास असफल दिखाई देता है क्योंकि एक दूसरे की आलोचना करते रहते हैं. वहीं पार्टी आलाकमान लगातार इस बात का दावा करता है कि दोनों के बीच सुलह हो गई है लेकन गहलोत और पायलट ने एक दूसरे पर तंज कसना बंद नहीं किया है. कुछ दिन पूर्व 11 जून को सचिन पायलट ने गहलोत के एक बयान पर पलटवार किया। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि राजस्थान के दोनों बड़े नेता आगामी चुनाव में कैसे साथ मिलकर लड़ेंगे।
कांग्रेस आलाकमान ने सुलह का किया दावा
बता दें कि विधायक सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बता दें कि सबसे पहले पायलट ने 11 अप्रैल को गहलोत सरकार खिलाफ जयपुर स्मारक पर एक दिन के लिए अनशन किया था. उनका आरोप था कि गहलोत सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में हुए भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई नहीं की. वहीं 11 मई को पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ जनसंघर्ष यात्रा अजमेर से निकाली थी. इसी कड़ी में 15 मई को उन्होंने सरकार से तीन मांगे रखते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था. अल्टीमेटम का समय पूरा होने के एक दिन पहले यानी 29 मई को दिल्ली में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल ने बैठक ली. इस बैठक में सीएम गहलोत, सचिन पायलट, और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा मौजूद रहे. वहीं इस बैठक में भी पायलट के अल्टीमेटम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी. जिसको लेकर पायलट ने नजराजगी भी जताई थी मगर इन सब के बावजूद मीडिया को बताया जा रहा है कि गहलोत और पायलट के बीच कोई विवाद नहीं है. जबकि दोनों एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते रहते है.
गहलोत के बयान पर बोले पायलट
11 जून को स्वर्गीय पायलट की पुण्यतिथि के अवसर पर पायलट दौसा के भडाना में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सचिन पायलट ने जनसभा को सम्बोधित करने के दौरान उन्होंने कहा कि जब पायलट प्रदेश के नौजवानों के हितों के बारे में बात करते हैं तो कहा जाता है कि यह मानसिक दिवालियापन है. पायलट ने गहलोत के पेपर लीक वाले बयान को लेकर कहा था. जब गहलोत ने कहा था कि पेपर लीक होने पर किसी भी मुल्क में बेरोजगारों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. ऐसी मांग उठाना मानसिक दिवालियापन है.