जयपुर: राज्य में चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी अब चुनावी रणनीति बनाने में जुट चुकी है. गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त करने के बाद से राजस्थान लगातार बीजेपी नेताओं की छावनी में बदलते जा रहा है. साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल नियुक्त करने के बाद से राज्यस्थान की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी खाली हो गई है. ऐसे में ये देखना बड़ा दिलचस्प हो जाता है कि आलाकमान द्वारा किसे राज्य में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी दी जाती है. बता दें कि राजस्थान पर भारतीय जनता पार्टी लगातार नजर जमाए हुए है. प्रधानमंत्री मोदी पिछले 15 दिनों के अंदर राज्य में दो जनसभा कर चुके हैं. साथ ही गृहमंत्री अमित शाह भी चुनावी रणनीति तैयार करने भरतपुर आने वाले हैं.
विधानसभा में मौजूदा सरकार को घेरने के लिए नेता प्रतिपक्ष की बेहद जरूरत होती है. ऐसे में ये भूमिका निभाने के लिए उसे दी जाती है जिसके पास लंबा राजनीतिक अनुभव होता है. बता दें कि राजस्थान की राजनीति में ऐसे कई नाम हैं जिनके नाम के आगे नेता प्रतिपक्ष की मुहर लग सकती है.
विधायक कालीचरण सराफ
राजनीतिक गलियारों में नेता प्रतिपक्ष की रेस में पहला नाम जयपुर की मालवीय नगर सीट से विधायक कालीचरण सराफ का आ रहा है. कालीचरण सराफ के पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव होने के साथ- साथ उन्हें सदन की कार्यवाही की भी काफी जानकारी है. बता दें कि राजस्थान यूनिवर्सिटी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले कालीचरण सराफ एक बेहतर वक्ता भी माने जाते हैं.
पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी
संघ के बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी भी इस रेस में शामिल हैं. वासुदेव देवनानी वसुंधरा राजे सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. पिछले 15 सालों से वो अजमेर उत्तरी सीट से विधायकी जीतते आ रहे हैं. वासुदेव देवनानी के पास एक बढ़िया राजनीतिक अनुभव है. इसके अलावा वो करीब 9 सालों तक एबीवीपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया
सतीश पूनिया को नेता प्रतिपक्ष का दावेदार माना जा रहा है. बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य का बजट पेश किया था. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति में पूनिया ने ही बजट पर जवाब देते हुए सरकार को घेरा था, जबकि उपनेता प्रतिपक्ष होने के नाते ये काम राजेंद्र राठौर को करना था. सतीश पूनिया के पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव होने के लिहाज से सदन में भी उनका अनुभव काफी बेहतरीन रहा है.
राजेंद्र राठौर बनेंगे नेता प्रतिपक्ष?
वर्तमान में चूरू से विधायक और सदन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर की गिनती राज्य के सबसे बेहतरीन पार्लियामेंट्रीयन के रूप में की जाती है. ऐसे में कई बार ये सवाल भी आते हैं कि क्या राजेंद्र राठौर को ही नेता प्रतिपक्ष के रुप नियुक्त कर दिया जाएगा.