जयपुर: राजस्थान के सीकर जिले के प्रसिद्ध देवीपुरा बालाजी धाम में आज शनिवार के दिन हनुमान जी को 2700 किलो के रोट का भोग लगाया जाएगा। ये विशेष रोट शुक्रवार को सुबह पांच बजे बनना शुरू हुआ था और शनिवार रात तीन बजे बनाकर तैयार हुआ है। इस रोट को बनाने में पूरे 22 घंटे का समय लगा है।
बना विश्व का सबसे बड़ा रोट
इस विशेष रोट की हर चीज बेहद खास है। दावा किया जा रहा है ये विश्व का सबसे बड़ा रोट है। इसे बनाने की तैयारियां दो महीने पहले से ही शुरू कर दी गई थी। वहीं इस रोट को बनाने में क्रेन का भी इस्तेमाल करना पड़ा। रोट को क्रेन की सहायता से ही बेला और सेका गया।
क्यों बनाया गया है रोट
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार देवीपुरा बालाजी धाम के महंत ओमप्रकाश शर्मा का कहना है कि इस रोट को विश्व शांति की कामना के लिए बनाया गया है। आज हनुमान जी को इसका भोग लगाया जाएगा और उसके बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जायेगा।
क्या है खास
इस रोट को बनाने में 20 लाख रुपये का खर्च आया है। इसका कुल वजन 2700 किलो है। इसमें 1125 किलो आटा, 125 किलो सूजी, 1100 किलो ड्राई फ्रूट्स, 400 लीटर दूध और 400 लीटर गाय के देसी घी का इस्तेमाल किया गया है। इस रोट की गोलाई 11 फीट और मोटाई 2 फीट की है। पूरनासर धाम के संत रामदास महाराज (बापजी) के सानिध्य में इस रोट को सूरत और पूरनासर के 20 शेफ ने बनाया है। इसे बनाने में 22 घंटे का समय लगा है।
स्पेशल तवा और बेलन का इस्तेमाल
2700 किलो के रोट को बनाने के लिए स्पेशल तवा, बेलन और मिक्सर की जरूरत थी। ऐसे में देवीपुरा धाम की ओर से सीकर के विश्वकर्मा इंजीनियरिंग वर्कशॉप को ऑर्डर दिया गया, जहां ये सारा सामान तैयार कराया गया। रोट को सेकने के लिए जो तवा बनाया गया उसका वजन 300 किलो और बेलन का वजन 250 किलो है। तवा, बेलन और मिक्सर तैयार करने में 2.15 लाख रुपये का खर्च आया है।