Thursday, September 19, 2024

दो दिवसीय आषाढ़ पूर्णिमा रविवार से शुरू, जाने क्या है इस पर्व का महत्त्व

जयपुर। आषाढ़ पूर्णिमा का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन गुरु चरण का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

सोमवार को आषाढ़ पूर्णिमा

आपको बता दें कि आषाढ़ पूर्णिमा पर सोमवार को गुरू-शिष्य के आध्यात्मिक संगठन का उत्सव गुरू पूर्णिमा भक्तिभाव से मनाया जाएगा। शिष्य अपने गुरू का पाद-पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। वहीं नए साधक गुरु के दिशा-निर्देश में भक्ति पथ पर चलेंगे। इस दौरान गुरु अपने शिष्यों को मंत्र दीक्षा भी देंगे। गुरु पूजन के लिए शिष्यों की भीड़ जुटेगी। मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर पूर्ववर्ती आचार्यों, महंतों का चित्र पूजन किया जाएगा।

उत्तर भारत में गुरु पूर्णिमा का महोत्सव मनाया जाएगा

उत्तर भारत की मुख्य पीठ गलता तीर्थ में तीन दिन गुरु पूर्णिमा उत्सव सोमवार को आरम्भ होगा। पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य के समीप में 3 दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव 5 जुलाई तक मनाया जाएगा। युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्वामी अवधेशाचार्य के द्वारा गालव ऋषि, रामानुजाचार्यजी, पयोहारीजी, कील्हजी से लेकर रामोदाराचार्य जी तक सभी पूर्ववर्ती आचार्यों की पूजा की जाएगी। इसके बाद सुबह 7 बजे से नए शिष्य स्वामी अवधेशाचार्य से पंचसंस्कार प्राप्त करेंगे और पुराने शिष्य गुरु शिष्य स्वामी के चरणों का पूजन करेंगे। वहीं इस अवसर पर स्वामी अवधेशाचार्य शिष्यों को माला भी धारण करवाएंगे। 5 जुलाई को 3 दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव का सन्त भंडारे के साथ समापन किया जाएगा।

पूर्णिमा आज से शुरू

जानकारी के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा तिथि 2 जुलाई यानी आज रात 08:21 बजे से प्रारंभ होकर 3 जुलाई को शाम 5:08 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर गुरु पूजन का महापर्व 3 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन अपने गुरु की पूजा करने पर व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव रविवार यानी आज से शुरू हो रहा है.

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