Friday, November 22, 2024

राजस्थान: उदयपुर के गोगुंदा विधानसभा क्षेत्र की क्या है स्थति, जानें कौन लहराएगा जीत का परचम

जयपुर। गोगुंदा विधानसभा क्षेत्र भारत में राजस्थान राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह उदयपुर जिले का हिस्सा है और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है वहीं ये उदयपुर (एसटी) लोकसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। गोगुंदा की बात करें तो यह मध्यकालीन राजपुताना के दिनों में बड़ी रियासतों में से एक रियासत थी. महाराणा उदय सिंह के निधन के बाद गोगुंदा में ही होली के दिन महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक हुआ था. गोगुन्दा में महाराणा प्रताप ने राजधानी बनाई थी. उस जमाने में चित्तौड़गढ़ के बाद गोगुंदा रियासत का दूसरा स्थान था. आजादी मिलने के बाद राजतन्त्र का खात्मा हुआ और लोकतंत्र की स्थापना हुई. जिसके बाद गोगुन्दा रियासत के नाम पर गोगुन्दा विधानसभा क्षेत्र का नाम रखा गया. जानकारी के अनुसार गोगुंदा विधानसभा क्षेत्र में 149 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट रखा गया है. गोगुंदा तहसील में 232 राजस्व गांव, 45 पंचायत और 1 शहर शामिल है.

साल 1972 में हुआ चुनाव

गोगुंदा में 1972 में हुए चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने विजय प्राप्त की थी. कुल वोट की संख्या 22394 थी. जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस ने 68.21 % सीट हासिल की थी. वहीं स्वंतंत्र पार्टी ने 16.23 % सीट हासिल की थी. भारतीय जनता पार्टी, उस वक्त कि भारतीय जन संघ पार्टी को केवल 15. 56 % वोट मिला ही था. जानकारी के अनुसार उस वक्त कांग्रेस पार्टी की तरफ से अलखराम माले उम्मीदवार थे, स्वंतंत्र पार्टी से भूरा माले और भारतीय जन संघ से भीरा मेल उम्मीदार थे. वर्ष 1972 के चुनाव में अलखराम अपनी सीट से विधायक बन गए. उन्हें 73672 वोट में से 22394 वोट प्राप्त हुए.

अब बात करते हैं वर्ष 1980 में हुए चुनाव की

साल 1980 में कुल 74083 मतदाताओं ने वोट दिए. इस चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी के मेघ राज माले अपने पार्टी से उम्मीदमार थे. उन्होंने कुल 9530 वोट बटोरा और 33.74 % सीट हासिल कर अपनी जीत दर्ज की. वहीं आईएनसी से उम्मीदवार रहे अम्बवा माले को 9258 वोट मिले यानी वोट का कुल प्रतिशत 32.78% रहा. भारतीय जनता पार्टी को कुल 8393 वोट मिले यानी वोट का प्रतिशत 29.71 रहा. जबकि पेमा माले जो जनता पार्टी से उम्मीदवार, उन्हे कुल वोट 1064 मिला यानि 3.77 प्रतिशत।

अब बात करते हैं 2008 में हुए चुनाव की

साल 2008 में कांग्रेस पार्टी ने कुल 185258 वोट में से 56157 वोट हासिल किया और 45.71 % से अपनी जीत दर्ज की. कांग्रेस से मंगी लाल गरासिया उम्मीदवार रहे. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 46045 वोट हासिल किए , कुल वोटों की प्रतिशत 37.48% रही. बीजेपी से हंसा राम गरासिया उम्मीदवार रहे थे. स्वंतंत्र पार्टी को 8116 वोट प्राप्त हुआ, कुल प्रतिशत 6.61 रहा. बहुजन समाज पार्टी को 6335 सीटों पर वोट मिला, वोट का कुल प्रतिशत 5.16 रहा, कम्युनिस्ट पार्टी को कुल वोट केवल 6214 मिला।

साल 2013 बेजीपी की हुई जीत

बता दें कि 2013 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 45.49 प्रतिशत वोट से जीत दर्ज की थी. बीजेपी से प्रताप सिंह भील उम्मीदवार रहे. वहीं कांग्रेस को 43.29% वोट प्राप्त हुआ, कम्युनिस्ट पार्टी को 4.22% और बहुजन समाज पार्टी को 3.14% वोट प्राप्त हुआ.

2018 में फिर बीजेपी

2018 चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी की 45.62% वोट से जीत हुई वहीं इस बार भी उमीदवार प्रताप लाल भील ही रहे. कांग्रेस में भी डॉक्टर मांगी लाल गरासिया ही उम्मीदवार थे लेकिन उन्हें केवल 43.19% वोट ही प्राप्त हुआ. अन्य पार्टियों की बात करें तो CPI को 2.41% वोट, BSP को 2.05% वोट और स्वंत्र पार्टी को 1.81% वोट प्राप्त हुआ. अभी तक हुए चुनाव में दो बार लगातार बीजेपी कि जीत हुई वहीं 1972 और 2008 में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया और वहीं एक बार कम्युनिस्ट पार्टी की जीत हुई. गोगुंदा जिले में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे को भारी टक्कर दे सकते हैं. तो देखना होगा आने वाले चुनाव में किसका पडला भारी होगा? क्या एक बार फिर बीजेपी गोगुंदा में जीतेगी या कांग्रेस पार्टी दिखाएगी अपना दबदबा। ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

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