जयपुर। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के सह प्रभारी निजामुद्दीन काजी की मुलाकात हुई, हालांकि इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है मगर एक घंटे तक हुई इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
शुक्रवार को इन नेताओं ने पायलट से की मुलाकात
आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन, वीरेंद्र सिंह राठौड़ और अमृता धवन ने शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से लंबी मंत्रणा की। सचिन पायलट के आवास पर हुई बातचीत चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया है लेकिन करीब 1 घंटे तक हुई मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
मुलकात बनी चर्चा का विषय
बताया जा रहा है कि हाल ही में प्रदेश कांग्रेस की ओर से घोषित की गई कार्यकारिणी और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में पायलट समर्थकों को विशेष ध्यान नहीं मिल पाया। वहीं पायलट समर्थक माने जाने वाले कई पदाधिकारियों की प्रदेश कार्यकारिणी से हटा दिया गया था। साथ ही टोंक जिले को छोड़कर किसी अन्य जिले में पायलट समर्थक किसी भी नेता को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया है। चर्चा यह भी है कि इसे लेकर पायलट समर्थकों में नाराजगी पनप रही है।
कार्यकारिणी में किया जा सकता है शामिल
विशेषज्ञों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व तक मामला पहुंचने के बाद ही तीनों सह प्रभारियों को सचिन पायलट के आवास पर भेजा गया। इस प्रकार, इस मुलाकात के बाद स्पष्ट हो रहा है कि जिन 6 पदाधिकारियों को छोड़ दिया गया था, उन सभी को फिर से कार्यकारिणी में शामिल किया जा सकता है। हटाए गए पदाधिकारियों में से चार वेद प्रकाश सोलंकी, महेंद्र सिंह खेड़ी, गजेंद्र सांखला और शोभा सोलंकी पायलट के समर्थक हैं।