जयपुर: राजस्थान में 21 जुलाई को शाम जो घटना घटित हुई उसको लेकर अब राज्य की सत्ताधरी पार्टी विपक्ष के निशाने पर है। विधानसभा में गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के मणिपुर वाले बयान पर सीएम गहलोत ने उनके ऊपर कार्रवाई करते हुए राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद से सियासी बयानबाजी तेज हो गई। इस मामले पर जहां विपक्ष आरोप लगा रहा है कि गुढ़ा को सच बोलने की सजा मिली है तो वहीं राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करने के मामले में राजस्थान पीसीसी अध्यक्ष का भी बयान सामने आया है।
सीएम का अपना एक विशेषाधिकार होता है – डोटासरा
राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करने के मामले में राजस्थान पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि मंत्रिमंडल में किसी को शामिल करना या इसी को हटाना, किसी को बर्खास्त करना या किसी का इस्तीफा लेना यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। यह सब आलाकमान से बातचीत करके मुख्यमंत्री फैसला लेते हैं। राजेंद्र गुढ़ा के तर बीजेपी से जुड़े हैं।
मणिपुर को लेकर पीएम ने की राजनीति
डोटासरा ने आगे कहा कि जिस तरह से मणिपुर की घटना हुई उससे पूरा देश शर्मसार हुआ है। पीएम मणिपुर की घटना को लेकर राजनीति कर रहें है। मणिपुर की घटना को राजस्थान की एक-दो घटना से जोड़ना, छत्तीसगढ़ से जोड़ना कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री का यह बयान चुनाव से प्रेरित था।