जयपुर। 24 जुलाई यानी आज सावन का तीसरा सोमवार है. सावन के सभी सोमवार पर भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. सावन में भगवान ताड़केश्वर को शहद, मोगरा, बिलाव पत्र, और इत्र का अभिषेक किया जा रहा है. आज पूरे प्रदेश से भक्त बाबा ताड़केश्वर के दर्शन के लिए आ रहे हैं.
क्यों मानते हैं सावन ?
आपको बता दें कि हिंदू धार्मिक विश्वास के अनुसार, सावन महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और उसमें से उठा विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया, जिसके कारण भगवान शिव को नीलकंठ कहा गया, इसे पीने के बाद भगवान शिव ने इस सृष्टि को बचाया. विष का प्रभाव इतना था कि भोलेनाथ का गला जलने लगा. इसके बाद सभी देवताओं ने मिलकर उन्हें ठंडा करने के लिए उसके ऊपर जल डाला. इसी कारण सावन महीने में शिव अभिषेक का विशेष महत्व है.
क्यों प्रिय है भगवान शिव को सावन का महीना ?
सावन के महीने को भगवान शिव का बेहद प्रिय महीना भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई हजारो सालों तक श्रापित जीवन व्यतीत किया था. इसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर माता पार्वती के रूप में जन्म लिया। इस जन्म में माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सावन के महीने में ही कठोर तपस्या किया था जिसके बाद भगवान शंकर ने उनकी मनोकामना पूरी की और उन्हें अपनी पत्नी के रुप में स्वीकार किया।