जयपुर: मुंबई के कोलाबा स्थित चाबड़ हाउस की ‘आतंकी रेकी’ के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने इस यहूदी सामुदायिक केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी है। इसे 26/11, 2008 के आतंकवादी हमलों के दौरान निशाना बनाया गया था। दरअसल यह कार्रवाई पुणे पुलिस की ओर से राजस्थान के दो आतंकी संदिग्धों को पुणे से पकड़ने के बाद हुई है। जब वे 10 दिन पहले मोटरसाइकिल चोरी करते हुए पकड़े गए थे। उनकी पहचान 23 साल के मोहम्मद यूनुस खान और 24 साल के यूनुस याकूब साकी के रूप में की गई। दोनों आतंकी मध्य प्रदेश के रतलाम का रहने वाले थे और उसके ऊपर 5,00000 रुपये का इनाम था।
ATS ने शुरू की जांच
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में उनके खिलाफ शुरुआती मामला दर्ज होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच शुरू की। अप्रैल 2022 में एमपी में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया। इसमें खान-साकी और 10 अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया। पुणे पुलिस ने बाद में उन्हें एनआईए को सौंप दिया। इससे पता चला कि वे चरमपंथी समूह अल-सुफा से संदिग्ध संबंधों के साथ वांछित भगोड़े थे और एक साल से अधिक समय से पुणे में एक किराए के मकान में छिपे हुए थे।
पुणे ATS ने दबोचा
इसको लेकर बाद में पुणे आतंकवाद निरोधी दस्ते ने शनिवार को रत्नागिरि से पकड़े गए अब्दुल कादिर और एक अन्य सहयोगी सहित दो और आतंकी संदिग्धों को गिरफ्तार किया। दोनों को पहले गिरफ्तार किए गए खान-साकी जोड़ी से जुड़ा हुआ बताया गया है। आगे की पूछताछ और जांच में चाबड़ हाउस और मुंबई के अन्य स्थानों का एक नक्शा और तस्वीरें सामने आईं। जिससे पता चला कि उन्होंने कथित तौर पर गहन ‘निगरानी’ की थी। इसके अलावा उनके पास से लैपटॉप, पेन-ड्राइव, कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और मोबाइल भी जब्त किए।
5 अगस्त पर भेजे गए हिरासत में
उन्हें एक स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें 5 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। जबकि उनके स्थानीय पुणे संपर्कों या सहयोगियों, उनके धन के स्रोतों, उनके यहां रहने के मकसद, अल-मॉड्यूल के बारे में आगे की जांच चल रही है। अंदेशा है कि सूफ़ा नेटवर्क राज्य के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय हो सकता है। (एजेंसियों से इनपुट के साथ)