जयपुर: राज्य में बढ़ रहे महिला अपराधों पर सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया लिया है। गहलोत सरकार ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए अब तोड़ निकल लिया है। राज्य सरकार के महिलाओं की सुरक्षा पर फैसला लिया […]
जयपुर: राज्य में बढ़ रहे महिला अपराधों पर सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया लिया है। गहलोत सरकार ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए अब तोड़ निकल लिया है। राज्य सरकार के महिलाओं की सुरक्षा पर फैसला लिया है कि यदि कोई व्यक्ति महिलाओं से छेड़छाड़ करता है और दुष्कर्म के मामले में आरोपी होगा, तो उसे राजस्थान में सरकारी नौकरी का लाभ नहीं मिल पाएगा। इस फैसले के संबंध में सीएम गहलोत ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी।
सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा है कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म के प्रयास एवं दुष्कर्म के आरोपियों एवं मनचलों को सरकारी नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा। साथ ही सीएम ने आगे लिखा कि इसके लिए मनचलों का भी पुलिस थानों में हिस्ट्रीशीटरों की तरह रिकॉर्ड रखा जाएगा एवं राज्य सरकार और पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले इनके चरित्र प्रमाण पत्र पर यह अंकित किया जाएगा। ऐसे असमाजिक तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करना अति आवश्यक है।
एनसीआरबी (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार रेप केस के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा एक रिपोर्ट के जरिए यह दावा कर रही है कि राजस्थान में प्रतिदिन 17 महिलाओं और युवतियों से रेप होता है। इधर हाल ही में भीलवाड़ा भट्टिकांड देशभर में सुर्खियों में रहा। इस केस में नाबालिग बच्ची को दो लोगों ने रेप का शिकार बनाया। उसके बाद जिन्दा कोयला भट्टी में डाल दिया था। नाबालिग का शव पूरा नहीं जला तो उसके शरीर के टुकड़े करके पास के ही तालाब में फेंक दिया गया था।
सूबे में हुए इस जघन्य दुष्कर्म और हत्याकांड की पूरे देशभर में चर्चा में हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार का यह फैसला प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह भी कहा जा रहा है कि सीएम ने इस फैसले के जरिए विपक्ष पर भी पलटवार किया है।