जयपुर। हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन त्यौहार पर शुभ मुहूर्त देखकर ही भाई की कलाई पर राखी बांधी जाती है. कहते हैं कि राखी केवल एक रिवाज नहीं अपितु भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है.
रक्षाबंधन पर क्या रहेगी भद्रा ?
मान्यता है कि रक्षाबंधन के दिन जो बहन शुभ मुहूर्त में अपने भाई को रक्षासूत्र बांधती हैं उसके भाई पर कभी भी संकट के बादल नहीं मंडराते और जीवन में खूब तरक्की भी मिलती है. जानकारी के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर बड़हरा भी रहेगी। ऐसे में शुभ मुहूर्त पर ही राखी बांधे।
क्या रहेगा शुभ मुहूर्त ?
इस बार दो पूर्णिमा होने यानी श्रावण शुक्ल द्वितीया पूर्णिमा बुधवार और गुरुवार को होने से भद्रा उपरान्त ही राखी बंधवाना और बांधना श्रेष्ठ रहेगा। जानकारी के अनुसार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर शुभमुहूर्त 30 अगस्त को प्रात: 10.59 पर शुरू होकर दूसरे दिन 31 अगस्त गुरुवार प्रात: 7:6 बजे तक रहेगी। बता दें, रक्षा बंधन पूर्व पूर्णिमा को मनाया जाता है तो उसके अनुसार पूर्णिमा पर कभी भी राखी बंधवाई और बांधी जा सकती है मगर इस बार भद्रा होने से भद्रा उपरान्त ही राखी बंधवाना शुभ रहेगा।
कब लगेगी भद्रा ?
इस बार पूर्णिमा शुरू होते ही भद्रा लगेगी। जो तक़रीबन 10 घंटे 3 मिनट तक रहेगी। समय की बात करें तो 30 अगस्त को प्रात: 10.59 से प्रारम्भ होकर रात्रि 09:2 बजे तक भद्रा रहेगी। और यही कारण है कि 30 अगस्त को भद्रा के उपरांत 09:3 बजे से दूसरे दिन 31 अगस्त को प्रात 7.06 बजे तक राखी बंधवाना श्रेष्ठ रहेगा।
क्या है भद्रा और इसका प्रभाव ?
भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और न्याय के देवता शनिदेव की बहन है भगवान शनि की तरह ही माता भद्रा का स्वाभाव भी उग्र है और यही कारण है कि भद्रा के समय कोई भी कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक चंद्रमा की राशि में भद्रा का वास होता है.