Saturday, November 23, 2024

इस धातु से बना है आदित्य L-1 सैटेलाइट, सूर्य की तपिश का इसपर नहीं होगा कोई असर

जयपुर। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के बाद इसरो ने अब सूर्य पर रिसर्च करने के लिए आदित्य मिशन को भेज दिया है. आज आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से आदित्य L-1 को लांच किया गया.

इसरो ने सूर्य पर भेजा आदित्य

आदित्य L-1 सूर्य पर लैंड नहीं करेगा। आदित्य कई लाख किलोमीटर की दूरी से ही सूर्य का अध्यन करेगा। अगर चेतावनी की बात यह है कि जिस जगह पर आदित्य मिशन सूर्य का अध्यन करेगा उस जगह पर भी असहनीय गर्मी होगी। जहां कोई भी आम धातु आसानी से पिघल जाएगा. लेकिन आदित्य L-1 को उम्दा मटेरियल से बनाया गया है. जिस वजह से वह अधिकतम गर्मी को भी झेल लेगा।

इसरो का पहला सूर्य मिशन

आदित्य मिशन सूर्य पर जाने वाला इसरो का पहला मिशन है. इससे पूर्व नासा समेत कई अन्य स्पेस एजेंसियो ने अपना अंतरिक्ष यान मिशन के लिए सूर्य पर भेजा है. मगर इनमें से से कई मिशन सफल भी हुए हैं.

भारत में ही किया गया डिजाइन

आदित्य एल-1 को भारत में ही डिजाइन किया गया है. इसमें मौजूद 7 पेलोड में से 6 भारत में ही बने हैं. यह सूरज के नजदीक नहीं जाएगा, मगर लैग्रेंजियन पॉइंट पर रहकर सूरज पर रिसर्च करेगा। यह किस धातु का बना है इसरो ने इसकी जानकारी नहीं दी है. बता दें कि स्पेस एजेंसी ने मिशन से जुड़ी कई जानकारियां सीक्रेट रखी है. इसरो के इस मिशन पर हर देशवासी ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजर इस मिशन पर है.

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